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तस्वीरें: CM भूपेश ने इस तरह पूरी की छत्तीसगढ़ के “पा” की चाहत…. पास वाली कुर्सी पर बैठाया, फोटो ली, चाकलेट दिये और…….16 साल में ही बुजुर्ग सा दिखने वाले शैलेंद्र की चाहत थी कलेक्टर बनने की

रायपुर 22 अक्टूबर 2021। लाइलाज प्रोजेरिया बीमारी से जूझ रहा शैलेंद्र की ख्वाहिश मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस तरह पूरी करेंगे, शायद शैलेंद्र ने भी नहीं सोचा होगा। दिल में कलेक्टर बनने की चाहत लिये शैलेंद्र की जब ये इच्छा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास पहुंची, तो उन्होंने भी तत्काल 16 साल के शैलेंद्र को अपने पास बुला लिया। दरअसल प्रोजेरिया बीमारी से ग्रसित शैलेंद्र 16 साल की उम्र में 60 साल के बुजुर्ग की स्थिति में पहुंच गया है। शैलेन्द्र ने कुछ दिन पहले ही चैनलों के जरिये अपनी अंतिम इच्छा सामने रखी थी। उसने कहा था कि …

“उसका सपना था कि बड़ा होकर एक दिन वो कलेक्टर बने, लेकिन उसका ये सपना पूरा नहीं हुआ, मैं चाहता हूं कि कलेक्टर की कुर्सी पर बैठूं”

लाइलाज प्रोजेरिया बीमारी से जूझ रहे शैलेंद्र की ये इच्छा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंची थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद उससे मिलने की इच्छा जतायी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर को उसे रायपुर भेजने का इंतजाम किया। मुख्यमंत्री से मिलने के लिए सर्किट हाउस जब शैलेंद्र पहुंचा, तो उस वक्त मुख्यमंत्री आईजी-एसपी कांफ्रेंस ले रहे थे। मुख्यमंत्री ने भोजनावकाश के ठीक पहले शैलेंद्र को बुलाया और फिर अपने बगल वाली कुर्सी पर बैठाया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ उस बच्चे के साथ तस्वीरें खिंचवाई, बल्कि चाकलेट भी दिये। बाद में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उसके साथ लंच भी किया।

अमिताभ बच्चने के “पा”की तरह है शैलेंद्र

आपको बता दें कि शैलेंद्र ध्रुव गरियाबंद के छुरा विकासखंड के मेढ़कीढबरी गांव का रहने वाला है। अमिताभ के फिल्म पा की तरह ही शैलेंद्र की भी जिंदगी हो गयी है। 16 साल की उम्र में वो 80 साल का बुजुर्ग नजर आने लगा है। वो बिल्कुल ही अलग-थलग हो गया है। ना तो उसका कोई दोस्त बनता है और ना ही पढ़ाई में उसका कोई साथी होता है। शिक्षक भी उसकी बीमारी को देख को कुछ नहीं कहते। फिलहाल उसकी बीमारी का तो कोई हल नहीं निकला है, लेकिन उसकी ख्वाहिश जरूर पूरा करने जा रहे हैं।

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