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बाघ पर सियासी घमासान : 19 बाघों पर 3 साल में 183.77 करोड़ खर्च ! गागड़ा के सवाल पर अकबर ने पूछा, भाजपा शासन में 229 करोड़ खर्च कर बाघों की संख्या 40 से घटकर 19 कैसे हुई

रायपुर 19 मार्च 2023। छत्तीसगढ़ में बाघ पर राजनीति गरमा गयी है। 19 बाघों पर 3 साल में 183.77 करोड़ खर्च होने के बाद मामले में भाजपा और कांग्रेस शासन काल के मंत्री आमने सामने हैं। पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि प्रदेश सरकार ने पिछले 2019 से 2022 (तीन वर्षों) में राज्य भर के कुल 19 बाघों पर 183.77 करोड़ खर्च कर दिए। गागड़ा ने कहा खर्च की गई इतनी बड़ी रकम के बारे में प्रदेश सरकार स्थिति स्पष्ट करे। गागड़ा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 4 साल में जंगली हाथियों के हमले में 204 लोगों की मौत हुई। इसी तरह 45 हाथी भी सुरक्षा की बदइंतजामी के चलते मारे गए। इतनी बड़ी राशि खर्च होने पर इस पर अजय चंद्राकर ने ट्वीट करते हुए लिखा- छत्तीसगढ़ में 19 बाघों पर 3 वर्ष में 183 करोड़ रुपये खर्च हुये है…लेकिन कांग्रेस सरकार में भ्रष्ट्राचार होता ही नहीं…ये खर्च भी “ईडी” और “आईटी ” के इशारे पर हुये होंगे ।

पूर्व मंत्री के सवाल पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने प्रेस कांफ्रेंस में जवाब दिये हैं। प्रेसवार्ता में मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि गागड़ा पहले बताएं कि टाइगर रिजर्व में उन्होंने 229.10 करोड़ रुपए कैसे खर्च किए। इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बावजूद बाघों की संख्या 40 से घटकर 19 कैसे हो गयी। उन्होंने पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने राज्य सरकार से वर्ष 2019 से 2022 यानी 3 वर्षों में प्रदेश के 3 टाइगर रिजर्व में 183.77 करोड रुपए खर्च होने पर सवाल उठाते हुए वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने दस्तावेज जारी करने की मांग की थी।

जवाब में मोहम्मद अकबर ने कहा कि महेश गागड़ा के कार्यकाल में 4 वर्षों के कार्यकाल में 229 करोड रुपए खर्च किये गये थे। इतनी बड़ी राशि खर्च किए जाने के बावजूद गागड़ा के कार्यकाल में प्रदेश में बाघों की संख्या 40 से घटकर मात्र 19 रह गई इसका जवाब उन्हें देना चाहिए। प्रदेश में 46 टाइगर में से 19 ही बचे, बाकि के 27 टाइगर कहां गये। इसका जवाब पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को देना चाहिये। आपको बता दें कि विधायक अरुण वोरा ने बाघों पर खर्च का सवाल किया, वोरा को जवाब देते हुए मंत्री शिव डहरिया ने सदन में कहा- प्रदेश में कुल 3 टाइगर रिजर्व हैं, सीतानदी उदंती, इंद्रावती और अचानकमार। तीनों का कुल क्षेत्रफल 5555.627 वर्ग किलोमीटर है । पिछले 3 वर्षों में साल 2019-20, 20-21 और 21-22 में प्रदेश में बाघों के संरक्षण के लिए 183.77 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं । अखिल भारतीय बाघ गणना 2018 के अनुसार यहां कुल बाघों की संख्या 19थी, वर्ष 2020 में दिसंबर 2022 तक 2 बाघों की मौत हुई है।

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