कर्मचारी हड़ताल पर सियासत : ओपी चौधरी बोले- DA-HRA में ही उलझाने की कोशिश, ताकि कर्मचारी अन्य मांग भूल जायें….जवाब में कांग्रेस बोली- पुरानी पेंशन खत्म करने व सरकारी नौकरी का निजीकरण करने वाली सरकार कभी कर्मचारी हितैषी नहीं हो सकती
रायपुर 30 अगस्त 2022। छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर अब सियासत भी शुरू हो गयी है। बीजेपी ने कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है, तो वहीं कांग्रेस ने राज्य सरकार को कर्मचारियों की मांगों के प्रति गंभीर बताया है। महंगाई भत्ता और गृहभाड़ा भत्ता को लेकर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के मंच पर भाजपा के शीर्ष नेता लगातार पहुंच रहे हैं और अपना समर्थन उन्हें दे रहे हैं। रमन सिंह से लेकर प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष तक ने हड़तालियों के समर्थन में खड़े होने की बात कही है।
ओपी चौधरी बोले- डीए के लिए इतना बड़ा आंदोलन कभी नहीं हुआ
पूर्व कलेक्टर व भाजपा नेता ओपी चौधरी ने वीडियो जारी कर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि महंगाई भत्ता को लेकर आज तक इतना बड़ा आंदोलन कभी नहीं हुआ, कर्मचारियों का ध्यान अन्य मुद्दों से भटकाने के लिए उन्हें सिर्फ डीए और एचआरए तक पर ही केंद्रित करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने घोषणा पत्र में घोषणा पत्र के क्रमोन्नति, चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान,समयमान वेतनमान, नियमितिकरण जैसे बड़े वादे किये थे, उन वादों का क्या होगा।
अजय चंद्राकर बोले, सरकार बनते ही सर्विस ब्रेक का आदेश कर दिया जायेगा रद्द
छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने हड़ताली कर्मचारियों का वेतन रोककर सर्विस ब्रेक के आदेश का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि अगले साल सरकार बनते ही भाजपा भूपेश बघेल के तानाशाही फरमान को रद्द कर देगी। कर्मचारी बिना डरे हक की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ें। भाजपा राज्य के कर्मचारियों के साथ है। हर जोर जुल्म की टक्कर में कर्मचारियों के संघर्ष को भाजपा का खुला सहयोग है। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर बात पर भाजपा सरकार के कंधे का सहारा लेते हैं तो वे जनता को बतायें कि भाजपा सरकार की किन किन नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों से सहमत हैं। भूपेश बघेल वर्ष 2006 के जिस परिपत्र का हवाला दे कर सर्विस ब्रेक का फरमान सुना रहे हैं, वह आज के हालात में प्रासंगिक नहीं है। तब परिस्थितियां अलग थीं। वातावरण अलग था। आज तो पूरा प्रदेश अपने हक के लिए धरने पर बैठा है। श्री चंद्राकर ने कहा कि दरअसल यह सरकार कर्मचारी संगठनों को डी ए और एच आर ए जैसे सामान्य मुद्दों में उलझा कर रखना चाहती है। ताकि इनके घोषणा पत्र के क्रमोन्नति,चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान, समयमान वेतनमान, नियमितिकरण जैसे बड़े वादों तक आंदोलन पहुँच ही न पाये।भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा कि प्राकृतिक न्याय के तहत हमेशा से राज्य के कर्मचारियों को एक दो माह में ही केंद्र के समान महंगाई और गृह भाड़ा भत्ता मिलता रहा है लेकिन भूपेश बघेल सरकार राज्य के कर्मचारियों से अन्याय कर रही है और कर्मचारियों को दबाने गलत तरीके से हमारे कंधे का इस्तेमाल कर रही है।प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने भूपेश बघेल को दोमुंही नीतियां दिखाने वाले मुख्यमंत्री करार देते हुए कहा कि वे एक तरफ तो 4 तारीख को महंगाई के विरोध में धरना प्रदर्शन करने वाले हैं और दूसरी तरफ महंगाई भत्ता का जायज हक मांग रहे कर्मचारियों को धरना प्रदर्शन से रोक रहे हैं। उन पर तानाशाही चला रहे हैं। वेतन काट रहे हैं। सर्विस ब्रेक कर रहे हैं, यह दोहरी नीति अब छत्तीसगढ़ में चलने वाली नहीं है। भाजपा विश्वास दिलाती है कि सरकार बनते ही फौरन इस सरकार के आदेश को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया जायेगा।
कांग्रेस बोली- कर्मचारियों के लिए सिर्फ दिखावा करती है भाजपा
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर कर्मचारियों को लेकर लग रहे आरोपों का तीखा जवाब दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भूपेश सरकार कर्मचारियों के साथ है। पिछले दिनों 6 प्रतिशत डीए की बढ़ोत्तरी राज्य सरकार ने की है। अन्य मांगों पर भी राज्य सरकार लगातार विचार कर रही है। हमारी सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल की। कर्मचारियों की मांगों और हितों का हमेशा से कांग्रेस सरकार ने ख्याल रखा है। जिस पुरानी पेंशन को भाजपा सरकार ने खत्म किया था, उस पेंशन बहाली को राज्य में लागू किया गया है। कर्मचारियों के मुद्दे पर बीजेपी को बोलने का कोई हक ही नहीं है, जो सरकार अग्निवीर जैसे स्कीम लाकर नौकरियों का निजीकरण कर रही है, वो कभी भी कर्मचारियों का हितैषी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार कर्मचारियों केसाथ है और आने वाले दिनों में कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान किया जायेगा।