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रमन सिंह का CM भूपेश पर तंज…..जब मैं केंद्रीय मंत्री हुआ करता था, तो भूपेश बघेल राजनीति की ABCD सीख रहे थे…. उनसे मेरी पूछ परख नहीं…कांग्रेस ने किया पलटवार

बिलासपुर 1 नवंबर 2021। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पलटवार किया है। बिलासपुर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भूपेश बघेल के पूर्व में दिये बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि …

मेरी  पूछ परख भूपेश बघेल से नहीं है, मैं 15 साल से मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के रूप में सेवा दे चुका हूं! जब मैं केंद्रीय मंत्री हुआ करता था तब भूपेश बघेल को राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी, उस समय भूपेश बघेल राजनीति की ABCD सीख रहें थे! उनसे मेरी पहचान नही है। फिलहाल भूपेश बघेल अपना कार्यकाल और कुर्सी बचाने में लगे हुए है।

संयुक्त मध्यप्रदेश शासनकाल में पूर्व खाद्य मंत्री मूलचंद खंडेलवाल को श्रद्धांजलि अर्पित और शोकाकुल परिवार से मुलाकात करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने 3 सालों में छत्तीसगढ़ को ठगने का काम किया है! धान खरीदी के 1 दिसंबर से शुरू करने को लेकर किसान विरोधी बताया है! वहीँ पूरे छत्तीसगढ़ में माफियाराज चल रहा है, शासन ट्रांसफर उद्योग बनकर रह गया है! छत्तीसगढ़ प्रशासन पंगु हो चुका है!

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भूपेश बघेल जब विपक्ष में थे, तब केंद्र और राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर 1 नवम्बर से धान खरीदी की मांग करते थे, मगर अब जब वे खुद मुख्यमंत्री है, तो किसानों का धान बर्बाद करने पर तुले हुए है। डॉ. रमन ने केंद्र सरकार का बचाव करते हुए कहा कि महंगाई के लिए बैरल और डॉलर जिम्मेदार है, इसलिए महंगाई फ्लेकचुएट होते रहती है!

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

 

रमन सिंह जब चुनाव हार कर राजनैतिक वनवास काट रहे थे तब भूपेश बघेल मध्यप्रदेश में मंत्री थे

डॉ. रमन सिंह द्वारा यह कहना कि जब भूपेश बघेल राजनीति की ए.बी.सी.डी. सीख रहे थे वे केंद्र में मंत्री थे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह जब विधानसभा चुनाव हार कर रमन मेडिकल स्टोर्स कवर्धा में राजनैतिक वनवास काट रहे थे तब भूपेश बघेल अविभाजित मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में मंत्री थे। जब रमन सिंह केंद्र में राज्य मंत्री थे, तब भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल में पीएचई और राजस्व मंत्री थे। सवाल रमन सिंह के उम्र में ज्यादा होने या पहले राजनीति में पदार्पण का नहीं है। सवाल है भारतीय जनता पार्टी में रमन सिंह की अप्रासंगिकता का है इसमें कोई दो राय नहीं कि रमन सिंह छत्तीसगढ़ में तीन बार मुख्यमंत्री रहे है लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी रमन सिंह से छुटकारा पाने में लगी है।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 15 साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद भाजपा रमन सिंह को अपना चेहरा मानने से इंकार करती है। रमन सिंह खुद को पार्टी का एक छोटा चेहरा घोषित करते हैं लेकिन भाजपा प्रभारी उनको फिर से चेहरा मानने से इंकार करती है। वरिष्ठता के कारण रमन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भले ही बना दिये गये लेकिन भाजपा नेतृत्व ने उनको राष्ट्रीय स्तर पर उपयोग के लायक कभी नहीं समझा। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में उन्हें कोई काम नहीं दिया गया, जब भूपेश बघेल असम में कांग्रेस के चुनाव के पर्यवेक्षक बनाये गये उनकी असम के कांग्रेस ने ताबड़तोड़ सभायें करवाया। तब भाजपा ने रमन को असम प्रेस कांफ्रेंस करने भेजा। भूपेश बघेल उत्तरप्रदेश में कांग्रेस के सीनियर आब्जर्वर बनाये गये हैं तब रमन सिंह को उत्तरप्रदेश भेजा जाता है। इसका सीधा अर्थ है कि रमन सिंह की भाजपा नेतृत्व के सामने उपयोगिता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कारण ही है। रमन सिंह के तिलमिलाने के बजाय सच्चाई को स्वीकार कर भूपेश बघेल को धन्यवाद देना चाहिये कि उनके कारण भाजपा उनको पूछ तो रही है।

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