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CG POLTICS : प्रभारी से लेकर मंत्री तक का बस्तर दौरा रद्द ! … क्या आरक्षण विवाद कांग्रेस को डरा तो नहीं रहा ….

रायपुर 9 अक्टूबर 2022। आरक्षण की आंच ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को गरम कर दिया है। एक तरफ जहां आदिवासियों का आरक्षण रद्द होने को लेकर सड़क पर उतरी हुई है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी पर ठिकरा फोड़ कांग्रेस डैमेज कंट्रोल कर रही है। शनिवार को जब आरक्षण को लेकर भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर गरमाया, तो अचानक से कांग्रेस ने अपना बस्तर का कार्यक्रम रद्द कर दिया। प्रभारी पीएल पुनिया, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और सह प्रभारी सप्तगिरी उल्का का कार्यक्रम रद्द हुआ, तो वहीं मंत्री शिवकुमार डहरिया का भी बस्तर दौरा स्थगित कर दिया।

हालांकि कांग्रेस इसे अपरिहार्य कारणों से कार्यक्रम रद्द होना बता रहीहै, लेकिन हकीकत में आरक्षण की वजह से बढ़े गतिरोध को कांग्रेस के कार्यक्रम को रद्द होने की वजह बतायी जा रही है। दरअसल आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी बस्तर में सड़कों पर थी, सड़क जाम से लेकर प्रदर्शनों का सिलसिला चल रहा था। बीजेपी की तैयारी थी अगर अगर कांग्रेस के नेता बस्तर पहुंचे, तो उनकी भी घेराबंदी की जाये।

लिहाजा, गतिरोध और असहज स्थिति को टालने के लिए कांग्रेस ने फिलहाल अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया है। बस्तर के 12 विधानसभाओं में मैराथन बैठक करने वाली थी, जिसे लेकर शेड्यूल भी जारी कर दिया गया था। कांग्रेस के शीर्ष नेता इन बैठकों के जरिये ना सिर्फ कांग्रेस को रिचार्ज करने वाले थे, बल्कि जमीनी हकीकत को टटोलने वाले थे, लेकिन लगता है आरक्षण की लौ को शांत होने के बाद ही कांग्रेस में बस्तर में कोई कदम उठायेगी।

अब चर्चाएं होने लगी है कि कहीं आरक्षण विवाद की वजह से कांग्रेस डर तो नहीं रही। दरअसल कल कांग्रेस के सभी आदिवासी विधायक व मंत्री ने जिस तरह से मीडिया के सामने आकर प्रेस कांफ्रेस में बीजेपी पर हमला बोला और आरक्षण रद्द होने के लिए बीजेपी को एकतरफा जिम्मेदार बताया, उसने एक बात तो स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस जल्द से जल्द आरक्षण के विवाद का हल चाहती है। क्योंकि सर्व आदिवासी समाज में भी आदिवासी नेता आरक्षण के मुद्दे पर काफी संजीदा है। जाहिर है अगर इस विवाद का हल जल्द से जल्द नहीं ढूंढा गया तो आने वाले दिनों में ये राजनीति का बड़ा एजेंडा बन जायेगा।

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