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मंत्रियों पर लागू हुई पाबंदी, ना अधिकारियों की बुला सकेंगे बैठक, ना निर्वाचन क्षेत्र का कर सकेंगे अधिकारिक दौरा, सायरन-बत्ती सब हट गया

रायपुर 9 अक्टूबर 2023। चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही आचार संहिता लागू हो गया है। इस दौरान मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का सभी को पालन करना होगा। फिर चाहे वो नेता, मंत्री या फिर अधिकारी ही क्यों ना हो। आइये जानते हैं आचार संहिता में अधिकारियों के लिए क्या-क्या पाबंदियां होती है। आचार संहिता के मुताबिक अब मंत्रियों की किसी भी मीटिंग में अधिकारी शामिल नहीं होंगे। यही नहीं मंत्री भी अब अपने क्षेत्र का अधिकारिक दौरा नहीं कर पायेंगे। शासकीय वाहन से जाकर चुनाव प्रचार की मनाही होगी, यही नहीं मंत्री अपनी गाड़ी में बत्तियां या सायरन का भी उपयोग नहीं कर सकेंगे। आईए जानते हैं क्या कुछ बदल गया है आचार संहिता लगते ही…

  • कोई भी अधिकारी अगर निर्वाचन क्षेत्र के निजी दौरे पर केंद्र या राज्य के किसी मंत्री से मिलता है, तो उसे कदाचार का दोषी माना जाएगा।
  • मुख्यमंत्री, मंत्रियों और राज्य सरकार के अन्य राजनीतिक पदाधिकारियों के साथ अब राज्य के अधिकारियों की व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से कोई बैठक/समीक्षा नहीं कर सकते हैं।
  • चुनाव संचालन से जुड़े अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण पर अब पूर्ण प्रतिबंध लग गया है।
  • चुनाव से सीधे जुड़े किसी भी अधिकारी को उसके वर्तमान तैनाती जिले में बने रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि वह उसका गृह जिला है या यदि उसने उस जिले में तीन साल पूरे कर लिए हैं, तो उसे तुरंत हटा दिया जायेगा। प्रशासनिक अत्यावश्यकताओं के कारण असाधारण मामलों में राज्य सरकार किसी भी स्थानान्तरण की पूर्व मंजूरी के लिए आयोग से संपर्क कर सकती है।
  • कानून एवं व्यवस्था की विफलता, प्राकृतिक आपदा आदि को छोड़कर केंद्र या राज्य सरकार का कोई भी मंत्री निर्वाचन क्षेत्र का आधिकारिक दौरा नहीं कर सकेंगे।
  • कोई भी मंत्री किसी भी निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव संबंधी अधिकारियों को किसी आधिकारिक चर्चा के लिए निर्वाचन क्षेत्र से बाहर किसी स्थान पर नहीं बुला सकेंगे।
  • चुनावी दौरे के दौरान किसी भी मंत्री द्वारा पायलट कारों या बत्ती वाली कारों या किसी भी रंग की कारों या किसी भी प्रकार के सायरन वाली कारों का उपयोग नहीं कर सकेंगे।
  • चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार या चुनाव संबंधी यात्रा के लिए आधिकारिक वाहनों के उपयोग पर पूर्ण और पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
  • किसी भी मंत्री के लिए अपने निजी वाहनों का उपयोग करके प्रचार के उद्देश्य से निजी दौरे करने की इजाजत होगी।
  • ऐसी निजी यात्रा के लिए मंत्रियों का आधिकारिक निजी स्टाफ उनके साथ नहीं जाएगा।
  • आम तौर पर केंद्रीय मंत्री आचार संहिता के दौरान गृह राज्यों की आधिकारिक यात्राओं से बचते हैं। राज्य में आपातकालीन स्थिति के कारण केंद्रीय मंत्री द्वारा आधिकारिक दौरे की अनुमति आयोग की पूर्व अनुमति पर दी जाती है और मुख्य सचिव मंत्री को पूरी तरह से आधिकारिक यात्रा के लिए सरकारी वाहन और अन्य सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं। ऐसी किसी भी यात्रा पर कोई चुनाव प्रचार नहीं किया जा सकता है।आपातकालीन स्थितियों में कानून एवं व्यवस्था की विफलता या प्राकृतिक आपदाएँ या ऐसी परिस्थितियाँ शामिल हैं।
  • अब कोई अनुदान, मंजूरी, नए कार्य, निविदा पुरस्कार या मंजूरी नहीं दी जानी है।
  • मंत्री या किसी अन्य राजनीतिक पदाधिकारी की विवेकाधीन निधि किसी भी व्यक्ति या संगठन को नहीं दी जाएगी.। यहां तक ​​कि दान या किसी अन्य सद्भावना अर्जित करने वाली गतिविधियों के लिए भी विशेष रूप से मास्क, सैनिटाइज़र, आयुर्वेदिक इम्यूनबूस्टर आदि और दवा का वितरणभी नहीं होगा।
  • जिला के अधिकारियों के साथ मंत्रियों के सम्मेलन और ऑनलाइन बैठकों के लिए आयोग की पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी। पूरी बैठक की कार्यवाही को रिकॉर्ड में रखा जाएगा। जिसे आयोग की मांग पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

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