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सौफ की खेती से करे बम्फर कमाई ,जाने बेस्ट तरीको से खेती करने के आसान टिप्स

सौफ की खेती से करे बम्फर कमाई और होंगे बम्फर लाभ ,जाने बेस्ट तरीको से कैसे करे खेती, सौफ की खेती आमतौर पर बहुत कम मात्रा में की जाती है,सौफ की खेती करने के लिए उपजाऊ मिटटी का होना बहुत जरुरी होता है,तो आइये आज हम आपको सौफ की खेती कैसे की जाती है बताते है तो बने रहिये अंत तक-

सौफ की खेती से करे बम्फर कमाई ,जाने बेस्ट तरीको से खेती करने के आसान टिप्स

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इन राज्यों में होती है सौफ की बम्फर खेती

सौंफ में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। जाते हैं। इसका उपयोग पाचन, पाचन के उपचार, डायरिया, गले में दर्द और सिरदर्द के उपचार के लिए किया जाता है। भारत में सौंफ की खेती मुख्य रूप से राजस्थान, आंध्रप्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा में बड़े पैमाने पर पढ़ी जाती है। अगर आप भी निवेश में अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं तो, आप सौंफ की खेती से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

सौफ की खेती के लिए मिट्टिया

अगर आप सौंफ की खेती करने की सोच रहे हैं। इसकी खेती सभी प्रकार की मिट्टी में आसानी से की जा सकती है। लेकिन सौंफ की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे बेहतर मणि है। इसके अलावा आप चुने हुए बलुई मिट्टी में भी इसकी खेती कर सकते हैं। इसकी अच्छी फ़सल लेने के लिए जल विक्रेता वाली भूमि का नामांकन होता है।

सौफ की खेती से करे बम्फर कमाई ,जाने बेस्ट तरीको से खेती करने के आसान टिप्स

खेती करने के लिए खेत की मिट्टी उपजाऊ होनी चाहिए
सौंफ की खेती के लिए सबसे पहले खेत की जुताई करना होता है। इसकी पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से और बाद में तीन से चार जुताई हल या कल्टीवेटर से कर के खेत को सममित परतें मिलाने वाले एक सा बना लेना चाहिए। आखिरी जुताई में 150 से 200 टन गोबर की साडी हुई खाद को पूरा खेत को देना चाहिए। पाटा सम्मिलित सममूल्य कर लिया जाता है। इसके अलावा 30 और 70 दिन के बाद फास्फेट की 40 मील मात्रा प्रति हेक्टर में लगाई जाती है।

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सौफ की खेती का मानक अर्थ

सौंफ की खेती के लिए गोबर की साडी हुई खाद 10-15 टन प्रति हेक्टर की खेती के 1 माह पूर्व खेत में आवश्यक होती है। और मानक की मात्रा 80 रेस्टॉरेंट, 60 रेस्टॉरेंट और 40 स्ट्रॉथ पोटाश तत्व के रूप में प्रति हेक्टेयर शामिल है। और निर्दिष्ट मात्रा की मात्रा, कुल मात्रा पोटाश की तैयारी के समय आखरी जुटाई के समय की आवश्यकता होती है। शेष नत्रजन की मात्रा 60 दिन बाद तथा शेष मात्रा 90 दिन बाद भी बताई जा सकती है।

सौफ की खेती के लाभ
यदि किसान एक खेत में सौंफ की खेती कर रहा है। तो इसमें करीब 20-30 हजार रुपए तक का खर्चा आता है। यदि इस खेत की फसल को चित्रित किया जाए तो इससे किसानों की करीब 2 लाख रुपये की आय हो सकती है। इस तरह से किसान इस खेती से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

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