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‘शहीद अग्निवीर’ को नहीं दिया गया सम्मान ? सलामी न देने पर उठाए सवाल…

नई दिल्ली 14 अक्टूबर 2023|अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने जम्मू कश्मीर के पुंछ में ड्यूटी के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. फिलहाल अग्निवीर अमृतपाल सिंह ड्यूटी के दौरान गोली लगने से शहीद हो गए. वहीं सेना की ओर से उन्हें सलामी नहीं दिए जाने को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत काफी गरमा गई है. बताया जा रहा है कि पंजाब के रहने वाले अमृतपाल सिंह अपने पिता के इकलौते बेटे थे, जो दिसंबर 2022 में अग्निवीर बनकर भारतीय सेना में भर्ती हुए.

जानकारी के अनुसार 10 अक्टूबर को गोली लगने के कारण उनकी मौत हो गई. वहीं अग्नीवीर अमृतपाल सिंह की मौत की खबर सुनकर पंजाब में शोक की लहर छा गई. फिलहाल इस दौरान शहीद हुए सैनिक के शव को भारतीय सेना की ओर से सलामी नहीं दी गई. इस पर अब सियासत काफी गरमा गई है. इसे लेकर बिहार के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और राष्ट्रीय लोक दल ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं.

सुप्रिया श्रीनेत ने साधा निशाना 

इस वीडियो को कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, ‘पंजाब के 19 वर्षीय अमृतपाल सिंह अग्निवीर के तौर पर सेना में भर्ती हुए। कश्मीर में 10 अक्टूबर को गोली लगने से वे शहीद हो गए। यहां उनकी बहनें कंधा दे रही हैं। इनके लिए ना सैन्य सम्मान ना आर्मी की कोई यूनिट। वो शहीद हैं  पर ये अग्निवीर योजना की असलियत है।

सम्मान व सहायता देने की मांग 
अमृतपाल सिंह के चाचा सुखजीत सिंह का कहना है कि परिवार की जमीन सेम से प्रभावित थी। बेटे के नौकरी पर लगने से परिवार को अच्छे दिन आने की उम्मीद थी, लेकिन इस हादसे ने पानी फेर दिया। उन्होंने सरकार से परिवार को सम्मान व सहायता देने की मांग भी की है। सदर थाने के इंचार्ज गुरवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार के आदेश पर पुलिस की ओर से राजकीय सम्मान दिया गया है। सीपीआई एमएल लिबरेशन ने अग्निवीर को सैनिक सम्मान न देने की कड़ी अलोचना करते परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद और फैमिली पेशन देने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने अमृतपाल सिंह को शहीद का दर्जा देने की मांग भी की है। वहीं, मानसा के उपायुक्त परमवीर सिंह ने बताया कि सेना की ओर से हादसे की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले में सम्मान देने का फैसला लिया जा सकेगा।

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