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शिक्षक ब्रेकिंग: संशोधन निरस्तीकरण मामले में प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी, हाईकोर्ट ने दिया निर्देश, याचिका पर हुई सुनवाई

रायपुर 3 नवंबर 2023। संशोधन निरस्तीकरण प्रभावित शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। वहीं राज्य सरकार को कमेटी बनाने का निर्देश दिया गया है। अब प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी, जिसमें डीपीआई और संयुक्त संचालक भी शामिल होंगे। कोर्ट ने प्रभावित शिक्षकों को अभ्यावेदन विभाग को देने को निर्देश दिया है। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट में संशोधन निरस्तीकरण के बाद शिक्षकों की स्थिति और वेतन भुगतान नहीं होने की तरफ कोर्ट का ध्यान आकृष्ट कराया गया। जिसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग की अगुवाई में कमेटी बनाने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से मतीन सिद्दीकी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा।

इससे पहले हाईकोर्ट में 900 से ज्यादा पीटिशन पर सुनवाई हुई। इससे पहले इस मामले में 13 सितंबर और 11 सितंबर को सुनवाई हो चुकी है। जिसमें हाईकोर्ट ने स्टेटस को यथास्थिति बनाये ऱखने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में डीपीआई, जेडी और डीईओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। हालांकि नोटिस के जवाब के संदर्भ में अभी कोई जानकारी नहीं है। हालांकि सुनवाई के लिए केस की लिस्टिंग नीचे हैं, लिहाजा सुनवाई हो पायेगी, इसे लेकर सस्पेंस जरूर दिख रहा है।

संशोधन निरस्तीकरण प्रभावित हजारों शिक्षकों की स्थिति अधर में लटकी हुई है, ना तो वो पुराने स्कूल में लौट पाये और ना ही संशोधित स्कूलों में ही रह पाये। क्योंकि अधिकारियों के निर्देश पर शिक्षकों को एकतरफा रिलीव कर दिया गया था। प्रभावित हजारों शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। आज की सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की तरफ से वेतन जारी करने की भी दलीलें प्रस्तुत की गयी।

कोर्ट ने पहले ये दिया था ये निर्देश

याचिकाकर्ताओं की तरफ से यह भी तर्क दिया गया कि जिन स्कूलों में पूर्व में पदस्थापना की गई थी उनमें पहले से ही अतिशेष शिक्षक हैं। जबकि जिन स्कूलों में पोस्टिंग में संशोधन कर पदस्थापना दी गई है वहां शिक्षकों की कमी है। यदि यह पोस्टिंग आदेश निरस्त किया जाता है तो स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या बनी रहेगी। सभी तथ्यों को सुनने के बाद जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने याचिकाकर्ताओं को राहत देते हुए कहा था कि जो भी पिटीशनर अभी रिलीव नहीं हुए हैं उन्हें सरकार रिलीव न करें। लेकिन, जो रिलीव होकर अपनी पुरानी जगह ( संशोधन से पहले वाली) में जा चुके है वो वही रहेंगे। लेकिन इसी बीच आदेश जारी कर विभाग ने पहले ही सभी शिक्षकों को एकतरफा रिलीव कर दिया।

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