बिग ब्रेकिंग

शव को बाइक पर ले जाने को है मजवुर, …….. हॉस्पिटल के पास नहीं है शव वाहन…..

रायपुर 02 अगस्त 2022: शहडोल में शव वाहन नहीं मिलने पर दो भाइयों ने अपनी मां के शव को बाइक पर बांधा और गांव की ओर निकल पड़े। उनका कहना है कि जिला अस्पताल की नर्सों ने मां की ठीक से देखभाल नहीं की। मौत के बाद शव वाहन मांगा, लेकिन नहीं मिला। प्राइवेट वाहन वालों से बात की तो उन्होंने 5 हजार रुपए मांगे, हमारे पास इतने रुपए नहीं थे।

इसलिए 100 रुपए का पटिया खरीदा और शव को बांधकर बाइक से अपने गांव ले गए। दोनों भाइयों ने शव को कंबल में लपेटा। इसके बाद बाइक पर लकड़ी का पटिया रखा, इससे मां के शव को बांध दिया। एक भाई ने बाइक चलाई और दूसरे ने पीछे बैठकर शव को पकड़े रखा। जैसे-तैसे दोनों शहडोल से 80 किलोमीटर दूर अनूपपुर जिले के गोड़ारू गांव पहुंचे।

सुंदर यादव ने बताया,​ मां​​​​​​ जयमंत्री यादव को सीने में तकलीफ होने पर शहडोल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। नर्सों ने एक इंजेक्शन और बोतल लगा दी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। शनिवार की रात 11 बजे जयमंत्री को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। रात करीब 2.40 बजे उनकी मौत हो गई।

अस्पताल अधीक्षक नागेंद्र सिंह ने बताया, मेडिकल कॉलेज में एम्बुलेंस की सुविधा नहीं है और न ही शव वाहन है। दो एम्बुलेंस दी गई हैं, जिनके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जा रही है। रजिस्ट्रेशन के बाद ही मरीजों को यह सुविधा दी जा सकेगी।

मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरालकर का कहना है कि वार्ड बॉय ने मृतका के परिजन से शव ले जाने के लिए वाहन व्यवस्था के संबंध में पूछा था। उन्होंने व्यवस्था होने की बात कही। परिजनों ने अस्पताल स्टाफ और प्रबंधन से शव वाहन की मांग नहीं की। यदि मांग की जाती तो हम हरसंभव सहयोग जरूर करते।

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