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सर्विस ब्रेक के आदेश से कर्मचारी संगठन खफा, कमल वर्मा बोले- ये दवाब बनाने की कोशिश, हमने CS को दी थी हड़ताल की सूचना, तो बिना सूचना के….

रायपुर 7 जुलाई 2023। हड़ताल पर गये कर्मचारियों पर सर्विस ब्रेक के आदेश पर कर्मचारी संगठन खासे नराज हैं। कर्मचारी संगठनों का दो टूक कहना है कि मांगों पर चर्चा करने के बजाय इस तरह की सख्ती का आदेश सिर्फ एक दवाब बनाने की कोशिश में है। इससे पहले राज्य सरकार की तरफ से शुक्रवार को एक आदेश जारी कर निर्देश दिया था कि हड़ताल पर गये कर्मचारियों का सर्विस ब्रेक किया जाये। सरकार की इस सख्ती पर कर्मचारी संगठन ने काफी नाराज है।

कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने कहा है कि ..

ये तो सिर्फ दवाब बनाने की कोशिश है। हमने जब तक 23 जून को सरकार को अल्टीमेटम दे दिया था, हमने खुद चीफ सिकरेट्री को हड़ताल की सूचना दी थी, जिसकी पावती भी है, तो बिना सूचना के हड़ताल पर जाने की बात कहां से हो गयी। कैसे इसे सर्विस इन ब्रेक कह सकते हैं। कुल मिलाकर सरकार को ऐसी कार्रवाईयों के बजाय बातचीत करना चाहिये और कर्मचारियों की मांगों को मानना चाहिये। कर्मचारी वर्ग ऐसे आदेश कई बार देख चुके हैं, हम डरने वाले नहीं है। मांगे नहीं पूरी हुई, तो हम आंदोलन का अगला चरण भी करेंगे।

कमल वर्मा, प्रांतीय संयोजक, कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन

आपको बता दें कि डीए सहित 5 मांगों पर हड़ताल पर गये प्रदेश के 5 लाख कर्मचारियों की ब्रेक इन सर्विस की तैयारी में विभाग है। इसे लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों के प्रमुख, कमिश्नर और कलेक्टर्स को आदेश जारी कर दिया है। जीएडी की अवर सचिव अंशिका ऋषि पांडेय ने निर्देश दिया है कि 7 जुलाई को हड़ताल पर गये कर्मचारी संगठनों के खिलाफ जीएडी के 10 अप्रैल 2006 के निर्देश के अनुरूप कार्रवाई करें।

जीएडी ने निर्देश के साथ-साथ 10 अप्रैल 2006 को जारी निर्देश की कॉपी को भी अटैच किया है, जिसमें ये कहा गया है कि बिना स्वीकृत हुए छुट्टी पर जाना नियम विरुद्ध है, ऐसे बिना इजाजत छुट्टी पर गये कर्मचारी की छुट्टी स्वीकृत ना की जाये, यानि उन्हें ब्रेक इन सर्विस माना जाये।

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