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महिला पुलिस कांस्टेबल को इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर करना पड़ा भारी, हुआ ये एक्शन…

आगरा 11 फरवरी 2023: यूपी के आगरा के थाना किरावली में तैनात महिला पुलिसकर्मी को थाना परिसर के अंदर वर्दी में फिल्मी गाने पर इंस्टाग्राम वीडियो बनाने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने महिला पुलिसकर्मी को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

आपको बता दें कि आगरा में वर्दी पहनकर एक महिला सिपाही को रील बनाना भारी पड़ गया है। थाना किरावली में तैनात महिला सिपाही सुनैना कुशवाह ने वर्दी में एक रील बनाकर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर कर दी। जिसके बाद देखते ही देखते यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। थाना प्रभारी उपेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि इंस्टाग्राम पर बनी रील सोशल मीडिया पर वायरल होने की खबर लगते ही डीसीपी पश्चिम जोन सोनम कुमार ने थाने पर तैनात महिला आरक्षी सुनैना कुशवाह को पुलिस आयुक्त आगरा द्वारा लाइन हाजिर कर दिया गया। साथ ही विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए। इसके एलावा कार्रवाई के बाद रील को भी सोशल मीडिया से हटा दिया गया।

थाना किरावली में तैनात महिला पुलिसकर्मी सुनैना काफी समय से सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। और तरह-तरह के वीडियो बनाकर फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपलोड करती रहती थीं। ‘हम तेरे हो गए या खुदा इश्क में…’ गीत पर सुनैना का थाने के अंदर का वीडियो शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि कांस्टेबल से लेकर आईपीएस अधिकारी तक पर यह प्रतिबंध लागू किया गया है। इसके अनुसार सरकारी कार्य के दौरान कोई भी पुलिसवाला सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग नहीं कर सकेगा। साथ ही कार्यालय एवं कार्यस्थल पर पुलिस वर्दी में वीडियो, रील्स बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट को बैन कर दिया गया है। थाना, पुलिसलाइन्स, कार्यालय के निरीक्षण, ड्रिल, फायरिंग, शिकायतकर्ता के संवाद का लाइव टेलीकास्ट व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउंट पर नहीं डाला जाएगा।

आपको बता दें कि पुलिस विभाग में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए उप्र. पुलिस सोशल मीडिया नीति-2023 लागू कर दी गई है। इसमें पुलिसवालों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कहा गया है कि अपराध के अन्वेषण या न्यायालय में लंबित प्रकरणों से संबंधित कोई गोपनीय जानकारी कोई भी पुलिस वाला सोशल मीडिया पर साझा न करे। इसके अलावा गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट, पीड़ित के प्रार्थनापत्र आदि को लेकर भी ऐसे ही निर्देश दिए गए है।

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