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सरकार ने किसानों को दिया दिवाली का तोहफा, रबी की फसलों पर MSP में बढ़ोतरी को कैबिनेट ने दी मंजूरी…

नई दिल्ली 18 अक्टूबर 2022 : केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। कैबिनेट ने रबी की फसलों पर मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) में बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) ने गेहूं समेत सभी रबी फसलों की एमएसपी में 9% बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में आज कैबिनेट और CCEA की बैठक हुई। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।

दिवाली से पहले मोदी सरकार ने किसानों को गिफ्ट दिया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को 2023-24 सीजन के लिए छह रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दे दी। बड़ा फैसला लेते हुए सरकार ने गेहूं के एमएसपी में 110 रुपये और जौ में 100 रुपये की बढ़ोत्तरी की है। इस तरह गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि गेहूं के एमएसपी में 110 रुपये, जौ में 100 रुपये, चना को 105 रुपये, मसूर में 500 रुपये, रेपसीड और सरसों के 400 रुपये और कुसुम के एमएसपी में 209 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।

क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य
न्यूनतम समर्थन मूल्य वह दर है जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है। फिलहाल सरकार 23 खरीफ और रबी फसलों के लिए एमएसपी तय करती है। रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के तुरंत बाद अक्टूबर में शुरू होती है। गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं। सरकार ने एक बयान में कहा, “विपणन सीजन 2023-24 के लिए रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है। जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत का 1.5 गुना पट्टे के स्तर पर तय किया गया है। इसका लक्ष्य किसानों को उचित पारिश्रमिक देना है।”

आधिकारिक बयान में कहा गया है, “सरकार की प्राथमिकता तिलहन और दालों का उत्पादन बढ़ाना है और इस प्रकार आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य को पूरा करना है।

कितनी बढ़ी रबी फसलों की MSP?
कैबिनेट ने मार्केटिंग ईयर 2023-24 के लिए सभी रबी फसलों की MSP में बढ़ोतरी की मंजूरी दी। मसूर के एमएसपी में सबसे ज्यादा 500 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। कैबिनेट ने सरसों की MSP में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। वहीं जूट की MSP में 110 रुपये क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। CACP की सभी सिफारिशों को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। मसूर की MSP अब 5500 रुपये से बढ़कर 6000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। इसके अलावा, गेहूं की MSP में 110 रुपये का इजाफा हुआ है। यह अब 2015 रुपये बढ़कर 2125 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।

क्या होती है एमएसपी
एमएसपी वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदने की गारंटी देती है। बाजार में आनाज का दाम चाहे जितना भी कम हो, सरकार द्वारा दी जाने वाली एमएसपी से किसान का हित काफी हद तक सुरक्षित होता है। किसी फसल का एमएसपी सरकार इसलिए तय करती है ताकि किसानों का हक न मारा जाए और किसी भी हालत में उनको फसल का उचित न्यूनतम मूल्य मिलता रहे।

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