शिक्षक/कर्मचारी

दिवंगत शिक्षाकर्मियों की अनुकंपा नियुक्ति की पहल का दिवंगत शिक्षक पंचायत अनुकंपा संघ ने किया स्वागत… अश्वनी सोनवानी बोली… सरकार का पहल सराहणीय…हमारी मांगों पर …

रायपुर 3 अगस्त 2022। दिवंगत शिक्षाकर्मियों के अनुकंपा नियुक्ति के मुद्दे पर पहली बार राज्य सरकार गंभीर दिख रही है। DPI ने सभी संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर दिवंगत शिक्षाकर्मियों की सूची मांगी है। सालों बाद हो रही इस तरह की पहल का दिवंगत शिक्षक पंचायत अनुकंपा संघ ने स्वागत किया है। हालांकि इन मांगों को लेकर महीनों तक विधवाओं ने रायपुर में प्रदर्शन किया था। राज्य सरकार ने दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए एक कमेटी भी गठित की थी, जिसके बावजूद उनकी मांगों का हाल नहीं निकला।

आज DPI से जारी पत्र के बाद दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को उम्मीद जगी है। दिवंगत शिक्षक पंचायत अनुकंपा संघ की अध्यक्ष अश्वनी सोनवानी ने इसे एक अच्छी पहल बताते हुए कहा हैं कि हमने शासन प्रशासन से कई बार गुहार लगाई हैं, लेकिन आज पर्यंत उनकी अनुकंपा नियुक्ति का निराकरण नहीं हुआ है। प्रदेश भर में 900 के करीब शिक्षाकर्मियों के परिजन आज दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

अश्विनी सोनवानी ने कहा है कि हम लोगों के पास घर चलाने के लिए पैसा नहीं है, ऐसे में सरकार हमें बोलती है कि आप डिग्री हासिल करो, कैसे संभव है। हम अपना परिवार पाले या फिर हजारों रूपये लगाकर और सालों इंतजार कर डिग्री हासिल करे। हम लोग पढ़ाई करेंगे तो फिर हमारा परिवार का पेट कौन पाएगा।

अश्वनी सोनवानी ने सरकार से मांग की है कि नौकरी पहले दी जाये और फिर उसके बाद डिग्री हासिल करने के लिए 5 या 7 साल का समय दिया जाए,  जिससे हमारी जिससे आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी और हम अनुकंपा आधारित डिग्री भी हासिल कर लेंगे। दिवंगत शिक्षाकर्मियों के कई परिजन ऐसे हैं, जो आठवीं दसवीं पास है उन लोगों को भृत्य के पद में नौकरी दे दी जाये।

स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन के पूर्व कार्यरत जिन शिक्षाकर्मियों की मृत्यु हो गई है उनके परिजन आज भी अनुकंपा के लिए दर-दर भटक रहे हैं और कई दफा आंदोलन भी कर चुके हैं शिक्षक संघ भी उनके मुद्दों पर कई बार विभाग के अधिकारियों से इस बात की गुहार लगा चुके हैं कि ऐसे मामलों में सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए उन्हें यथासंभव नौकरी प्रदान करें लेकिन अभी तक सरकार की ओर से एक कमेटी बनाने के अतिरिक्त कुछ खास होता हुआ नजर नहीं आया है लेकिन अब एक बार फिर लोक शिक्षण संचालनालय के संयुक्त संचालक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और संयुक्त संचालक को पत्र लिखकर उन शिक्षाकर्मियों के प्रकरण के विषय में जानकारी मांगी है जिनका संविलियन पूर्व निधन हो गया था ।

इस के पत्र जारी होने के बाद अनुकंपा पीड़ित संघ की प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी सोनवानी ने कहा कि

” हमारा संघर्ष पहले ही काफी लंबा हो चुका है और अब इसमें और अधिक देरी नहीं होनी चाहिए हमारा शासन प्रशासन दोनों से निवेदन है कि हमारी स्थिति को समझें और हमें अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें वरना यह न हो कि कल हम अनुकंपा नियुक्ति लेने के लिए रहे ही न , शासन ने कई मामलों को विशेष केस मानते हुए नियमों को शिथिल करते हुए अनुकंपा नियुक्ति दी है फिर केवल हमारे ही मामले में इतनी बेरुखी क्यों

इधर अनुकंपा पीड़ितों के लिए संघर्ष करने वाले और लगातार अधिकारियों से मुलाकात करने वाले सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे और संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केदार जैन ने संयुक्त बयान जारी कर इसे एक अच्छी पहल बताते हुए कहा है कि

” हमने शासन प्रशासन दोनों से कई बार गुहार लगाई है की प्रदेश में लगभग 900 के आसपास ऐसे प्रकरण हैं जिस में अनुकंपा नियुक्ति शिक्षाकर्मियों के परिजनों को नहीं दी जा सकी है जिसे सरकार बड़ा दिल करके आसानी से दे सकती है , हमारे साथियों के परिजनों के पास घर चलाने के लिए भी पैसे नहीं है तो वह ऐसे में डिग्री कहां से हासिल करेंगे और अगर वह पढ़ाई करेंगे तो फिर उनका परिवार का पेट कौन पालेगा, अनुकंपा पीड़ितों ने भी खुद कई बार इस बात को दोहराया है कि उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार या तो पद दे दिया जाए या फिर पहले उन्हें नौकरी दे दी जाए और उसके बाद उन्हें डिग्री हासिल करने के लिए समय दे दिया जाए । इस पत्र के जारी होने के बाद एक बार फिर उम्मीद जगी है , हमारा आपके माध्यम से पुनः निवेदन है कि सरकार संवेदनशीलता दिखाते हुए पीड़ितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें ।

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