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2.50 करोड़ के धान घोटाले का मास्टरमाइंड पकड़ाया….नाम व पहचान बदलकर छुपा था आरोपी… पियून से प्रभारी बने शातिर की तलाश में उड़ीसा तक गयी थी पुलिस..

जांजगीर 30 सितंबर 2022। ढ़ाई करोड़ के धान घोटाले का मास्टर माइंड आखिरकार पकड़ा गया। सरकारी जमीन को निजी बताकर करोड़ों का घोटाला करने वाला अजय प्रकाश नागेश पिछले कई महीनों से पुलिस को चकमा दे रहा था। नाम और पहचान छुपाकर आरोपी कोरबा के कटघोरा में छुपा था, जहां वो खुद को शिक्षक बता रहा था। मामले में 5 आरोपी में से 2 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, वहीं तीन की तलाश जारी है।

दरअसल 8 फरवरी को नवागढ़ में जिला सहकारी बैक के नोडल अधिकारी अश्वनी पांडेय ने मामला दर्ज कराया था। शिकायत में कहा गया था कि तुलसी गांव के धान खरीदी केंद्र प्रभारी अजय प्रकाश नागेश और किरीत धान खरीदी केंद्र प्रभारी रामनारायण कश्यप ने कुछ अन्य लोगों के खिलाफ 1294.71 क्विंटल फर्जी तरीके से धान खरीदी करने और करीब 2 करोड़ 51 लाख 4982 गबन का आरोप लगाया। मामले में आरोपियों के विरूद्ध के खिलाफ क्रमांक 45/22 धारा 420,34 भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया था। प्रकरण में विवेचना के दौरान आरोपियों के विरूद्ध धारा 467,468,471,120बी,408,409 भादवि जोड़ी गई।

नाम और पहचान छुपाकर रह रहा था कटघोरा में 

मामले में एक आरोपी रामनारायण कश्यप को पुलिस ने 26 फरवरी को ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अजय प्रकाश फरार हो गया था। पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगा रखी थी। आरोपी की तलाश में एक टीम उड़ीसा भी गयी थी। इसी बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि अजय अपनी नाम और पहचान को छुपाकर कोरबा के कटघोरा में छुपा है। जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी की रिमांड लेकर पूछताछ की, जिसमें उसने घोटाले के राज का खुलासा किया।

पियून बना था धान खरीदी केंद्र का प्रभारी

अजय प्रकाश मूलत: चपरासी था, जो धान खरीदी केंद्र का प्रभारी बनकर काम कर रहा था। अजय प्रकाश ने घोटाले के लिए बहुत ही शातिराना तरीका अपनाया, उसने सरकारी जमीन के खसरा नंबर को प्राइवेट बताकर धान की खरीदी की और फिर प्राइवेट बैंक अकाउंट पर आयी राशि को अपने खाते में ट्रांसफर करा लिया। आरोपी ने अपने कई रिश्तेदारों के नाम पर भी गबन किया और उन्हें अकाउंट से पैसे ट्रांसफर किये। पुलिस ने आरोपी के बैंक ट्रांजेक्शन के आधार पर भी कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

इस तरह दिया घोटाले को अंजाम

धान खरीदी प्रक्रिया के दौरान अपना अधिक निजी लाभ प्राप्त करने की योजना बनाकर, जिसमें किसानों की कुल रकबा में अतिरिक्त रकबा शामिल कर उस अतिरिक्त रकबा में धान समर्थन मूल्य में खरीदी कर लाभ प्राप्त किया गया है। जिसमें लोक सेवा केन्द्र के कम्प्यूटर आपरेटर के साथ मिलकर आरोपियों द्वारा कुछ किसानों के भूमि रकबा में अतिरिक्त भूमि रकबा जोड़कर तुलसी एवं किरीत के धान खरीदी केन्द्र में अधिक रकबा के धान की खरीदी समर्थन मूल्य में की गई है और उक्त खरीदी से अवैध लाभ प्राप्त किया गया। कुछ किसानों के धान बिक्री की राशि जिस खाता में आने वाली होती है।  उन किसानों के बैंक खाता के स्थान पर आरोपियों द्वारा अपने लोगों का खाता क्रमांक एवं नाम डालकर धान खरीदी की राशि प्राप्त कर अवैध लाभ प्राप्त किया गया ।

 प्रकरण के फरार आरोपी अजय नागेश का कृत्य धारा सदर का पाये जाने दिनांक 23.09.22 को विधिवत् रूप से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी अजय प्रकाश नागेश से धान खरीदी केन्द्र तुलसी के दस्तावेज , गबन की गई राशि एवं अन्य साक्ष्य प्राप्त करने हेतु आरोपी अजय प्रकाश नागेश पिता गंगाराम नागेश उम्र 32 वर्ष निवासी तुलसी का पुलिस रिमाण्ड लेने न्यायालय पेश किया जा रहा है। आरोपी को गिरफ्तार करने में निरीक्षक विवेक कुमार पांडेय, उनि सनत मात्रे, सउनि रामप्रसाद बघेल, म.प्र.आर. स्वाती गिरोलकर, प्र.आर. राधेश्याम पूर्णा, मनोज तिग्गा, राजकुमार चंद्रा आर. मनीष राजपूत, रामदेव साहू एवं चौकी पंतोरा स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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