कोरबा 23 अप्रैल 2024। छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल सीटों में शामिल कोरबा लोकसभा से चरणदास महंत का नामांकन निरस्त हो गया है। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी रण में नामांकन दाखिल करने वाले चरणदास महंत को महज 10 प्रस्तावक भी नही मिल सके। आलम ऐसा रहा कि नेताजी नामांकन फार्म में खुद का हस्ताक्क्षर तक करना भूल गये। लिहाजा स्कूटनी के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले चरणदास महंत सहित 5 अभयर्थियों का नामांकन निरस्त कर दिया। वहीं नाम वापसी के बाद कोरबा लोकसभा सीट से अब 27 अभ्यर्थी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों की पैनी निगाह है। कांग्रेस एक तरफ जहां इस सीट को बचाने के लिए ऐढ़ी-चोटी का जोर लगाये हुए है, वहीं बीजेपी ने राष्ट्रीय नेत्री और राज्य सभा सदस्य रही सरोज पांडे को इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। 19 अप्रैल तक हुए नामांकन की प्रक्रिया में कुल 34 अभ्यर्थियों ने कोरबा लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था। बीजेपी और कांग्रेस के कैंडिडेट ने नवरात्र में मुहूर्त के हिसाब से अपना नामांकन दाखिल कर बकायदा जीत का दावा किया गया। लेकिन इन सारे नामांकनों में बाद भी 19 अप्रैल को नामांकन के अंतिम दिन और अंतिम समय में चरणदास महंत के नामांकन ने सबको चौका दिया था। नामांकन फार्म जमा करने के महज 20 मिनट पहले निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चरणदास महंत ने अपना नामांकन फार्म दाखिल कर दिया था।
आपको बता दे कि नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत के पति डाॅ.चरणदास महंत प्रदेश की अन्य सीटों के साथ ही विशेष रूप से कोरबा लोकसभा की कमान खुद संभाले हुए है। ऐसे में चरणदास महंत नामक शख्स के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने से कुछ हद तक नुकसान कांग्रेस को होने की उम्मींद थी। लिहाजा चरणदास महंत के नामांकन पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों की नजरे टिकी हुई थी। लेकिन नामांकन के जांच के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने 5 अभ्यर्थियों के नामांकन निरस्त कर दिये। निरस्त होने वाले नामांकन में चरणदास महंत का नामांकन भी शामिल है। जिला निर्वाचन विभाग से नामांन निरस्त करने के 2 कारण बताये है। इनमें पहला निपेक्ष राशि अप्राप्त, दूसरा प्रस्तावक की अपेक्षित संख्या व हस्ताक्षर अप्राप्त और तीसरा प्रारू-26 अपूर्ण पाया गया।
जिसके कारण चरणदास महंत का नामांकन निरस्त कर दिया गया। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन फार्म भरने वाले चरणदास महंत का नामांकन निरस्त होने के बाद अब जहां कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने राहत की सांस ली है, वहीं कांग्रेस की प्रतिद्वंदी पार्टी के लोग टेंशन में है। अंदर खाने की खबर है कि चरणदास महंत को एक दिन पहले ही चुनाव मैदान में खड़ा करने के लिए तैयार किया गया था। लेकिन नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन 19 अप्रैल को दोपहर करीब 2 बजे तक चरणदास महंत ने किसी का काॅल ही रिसीव नही किया। लिहाजा काफी खोज-खबर के बाद चरणदास महंत को 2 बजकर 40 मिनट पर जिला निर्वाचन कार्यालय लाकर आनन-फानन में नामांकन दाखिल कराया गया। इसी आनन-फानन में चरणदास महंत को महत 10 प्रस्तावक तक नही मिल सके और रही सकी कसर उन्होने आधा-अधूरा फार्म भरकर पूरा कर दिया।