शिक्षक/कर्मचारी

शिक्षक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ताने पर दिया ऐसा जवाब …..कि सोशल मीडिया में हो गया जबरदस्त वायरल… पूछा – विपरीत दौर पर किसने चलाए थे स्कूल ?…. यह कविता आपका भी छू लेगी दिल

रायपुर 9 दिसंबर 2022। हड़ताल के दौरान दिये गये मुख्यमंत्री के तीखे बयान पर  सहायक शिक्षक ने अलग अंदाज में जवाब दिया है। एक सहायक शिक्षक ने कविता के जरिये इशारो-इशारों में मुख्यमंत्री को जवाब दिया है। कविता में  सहायक शिक्षक ने बताया है कि कोरोना के वक्त में शिक्षकों ने क्या-क्या किया है। कोरोना काल में ड्यूटी से लेकर बोर्ड परीक्षा के पेपर चेकिंग तक और  ट्रेसिंग, चेकपोस्ट की ड्यूटी से बच्चों की बढ़ाई तक का कविता में बहुत ही शानदार तरीके से जिक्र किया गया है।

 

किसने स्कूल चलाए थे?

बच्चों की शिक्षा पर जब
संकट के बादल छाये थे
मास्टर जी ने मजे किये तो
किसने स्कूल चलाए थे?

शुरू हुआ था लॉकडाउन तो
इम्तिहान की बारी थी।
वार्षिक परिणामों की खातिर
पैपर चैकिंग जारी थी।।
जारी जो परिणाम हुए
क्या ऊपर से मंगवाए थे?
मास्टर जी ने मजे किए तो
किसने स्कूल चलाए थे?

अगलै सैशन की तैयारी
बच्चों से करवानी थी।
कुकिंग कोस्ट और किताबें
सही वक़्त पहुँचानी थी।।
बच्चों तक राशन पहुँचाने
कौन फरिश्ते आए थे?
मास्टर जी ने मजे किए तो
किसने स्कूल चलाए थे?

बच्चों के भावी जीवन को
लेकर सबसे आगे थे।
“हर-घर-स्कूल” बनाने वाले
अध्यापक सब जागे थे।।
ऑनलाईन कक्षा में हर दिन
किसने पाठ पढ़ाए थे?
मास्टर जी ने मजे किए तो
किसने स्कूल चलाए थे?

खतरे का माहौल था फिर भी
अपना फर्ज निभाना था।
हर हालत में पंचायत के
हर स्टेशन तक जाना था।।
जन- प्रतिनिधियों के चुनाव
किसने सम्पन्न कराए थे?
मास्टर जी ने मजे किए तो
किसने स्कूल चलाए थे?

स्वेच्छा से हर अध्यापक ने
जनसेवा के काम किए।
सरकारी आदेश हुए तो
ऑक्सीमीटर थाम लिए।।
बॉर्डर पर टूरिस्टों ने फिर
किसको पास दिखाए थे?
मास्टर जी ने मजे किए तो
किसने स्कूल चलाए थे?

डाटा- एन्ट्री फोटो- ग्राफी
टीकाकरण में शामिल थे।
कर डाला हर काम, सभी
अध्यापक इतने काबिल थे।।
अध्यापक ने कब कोई
आदेश कहीं ठुकराए थे?
मास्टर जी ने मजे किए तो
किसने स्कूल चलाए थे?

खेल-कूद, विज्ञान, गणित में
नाम कमाने वाले हैं।
विद्यार्थी जो शत -प्रतिशत
अंकों को लाने वाले हैं।।
देश के ये अनमोल नगीने
बोलो – कहाँ बनाए थे ?
मास्टर जी ने मजे किए तो
किसने स्कूल चलाए थे?

ब्रह्म और महेश्वर की
संज्ञा से जिसे नवाज़ा है।
गुरु नहीं वह मात्र, कई
बच्चों के दिल का राजा है।।
विद्या, आदर व अनुशासन
किसने तुम्हें सिखाए थे?
अध्यापक ने मजे किए तो
किसने स्कूल चलाए थे?

“अध्यापक”

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