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वेतन विसंगति पर विधानसभा में जवाब: सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति पर शिक्षा मंत्री ने दिया लिखित जवाब, विसंगति, क्रमोन्नति व डीए को लेकर….

वेतन विसंगति पर विधानसभा में जवाब: सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति पर शिक्षा मंत्री ने दिया लिखित जवाब, विसंगति, क्रमोन्नति व डीए को लेकर....

रायपुर 9 फरवरी 2024। विष्णु सरकार के पहले बजट से शिक्षकों को उम्मीद थी, कि उनकी वेतन विसंगति की मांगों पर सरकार गौर करेगी। हालांकि बजट में तो विसंगति दूर करने के संदर्भ में ऐलान नहीं हुआ, लेकिन आने वाले दिनों में वेतन विसंगति को लेकर राज्य सरकार फैसला लेगी। शुक्रवार को प्रश्नकाल में पूछे गये सवाल के जवाब में सरकार ने स्वीकार किया है कि सहायक शिक्षकों को वेतन विसंगति और महंगाई भत्ता के मुद्दे पर राज्य सरकार विचार कर रही है।

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कांग्रेस विधायक यशोदा निलांबर वर्मा के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये सही है कि वेतन विसंगति, क्रमोन्नति व केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता का मामला सरकार के समक्ष विचाराधीन है, हालांकि इसके निराकरण का समय सीमा बता पाना अभी संभव नहीं है।

यशोदा वर्मा का सवाल- क्या स्कूल शिक्षा मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे, कि सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने एवं सभी कर्मचारियों को क्रमोन्नति वेतनमान देने का निर्णय शासन के समक्ष विचाराधीन है ? यदि हां तो सरकार की तरफ से कब तक निर्णय लिया जायेगा?

बृजमोहन अग्रवाल – जी हां, विचाराधीन है, लेकिन समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

आपको बता दें कि सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति की मांगें काफी पुरानी है। पिछली सरकार में कई दफा के प्रदर्शन और ऐलान के बाद भी भूपेश सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया था, लेकिन नयी सरकार बनने के बाद शिक्षकों की उम्मीदें काफी ज्यादा है। सहायक शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग स्तर पर मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री व शिक्षा मंत्री के अलावे अन्य मंत्रियों से मिल चुका है। सरकार की तरफ से भी सार्थक आश्वासन मिल रहा है। आज सदन में ये जानकारी दिये जाने पर शासन स्तर पर सहायक शिक्षकों की मांगें विचाराधीन है, इससे शिक्षक वर्ग की उम्मीदें और भी ज्यादा बढ़ गयी है।

क्या है वेतन विसंगति

शिक्षा विभाग के स्कूल हों या फिर ट्राइबल डिपार्टमेंट के… सभी स्कूलों में तीन स्तर के शिक्षक होते हैं। व्याख्याता, शिक्षक और सहायक शिक्षक। दरअसल 2018 में जब शिक्षकों का संविलियन हुआ, तो उस वक्त वेतन का निर्धारण इस तरह से किया गया, कि सहायक शिक्षकों के वेतन में बड़ी खाई रह गयी। मतलब व्याख्याता और शिक्षक के बीच जो वेतन का अंतर था, वो अंतर 3 से 4 हजार रुपये का था, लेकिन शिक्षक और सहायक शिक्षकों के बीच वेतन का अंतर 10 हजार से भी ज्यादा का आ गया। वेतन निर्धारण को लेकर कई दफा आवाज उठायी गयी। मांग ये की गयी कि जिस तरह से व्याख्याता और शिक्षकों के वेतन में अंतर है, उतना ही अंतर शिक्षकों व सहायक शिक्षकों के बीच भी होना चाहिये, लेकिन आश्वासन देते-देते पूर्व की भूपेश सरकार ने पूरे 5 साल निकाल दिये।

वेतन विसंगति पर विधानसभा में जवाब: सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति पर शिक्षा मंत्री ने दिया लिखित जवाब, विसंगति, क्रमोन्नति व डीए को लेकर….

भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किया है शामिल

भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वेतन विसंगति और क्रमोन्नति का मुद्दा शामिल किया है। जिस तरह से घोषणा पत्र में शामिल वादों पर विष्णुदेव साय सरकार धड़ाधड़ फैसले ले रही है, उसके बाद उम्मीदें काफी ज्यादा शिक्षकों की बढ़ गयी है। सरकार भी शिक्षकों व कर्मचारियों की मांगों को लेकर काफी संजीदा है, लिहाजा ये कहा जा सकता है देर-सबेर जरूर शिक्षकों व कर्मचारियों की मांगों को राज्य सरकार पूरा कर देगी।

 

 

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