शिक्षिका मां ने कहा था “बेटा बड़ी होकर किरण बेदी जैसी IPS बनना”… फिर बेटी ने जो बोला था, वो कर दिखाया ….दो बार प्रीलिम्स भी पास नहीं की, तीसरी प्रयास में बनेगी IAS …..इंस्टा, FB और WhatsApp तो छोड़िये दोस्तों से भी सालों बात नहीं की …
धमतरी 31 मई 2022। “….बेटा बड़ी होकर किरण बेदी की तरह IPS बनना”……पूजा के मन में मां की ये बात इतनी गहरी बैठी, कि हर दिन वो इसी सपने के पीछे भागने लगी। दो बार की नाकामी से भी पूजा की ना तो हिम्मत टूटी और ना ही सपना टूटा। सोमवार को आये UPSC रिजल्ट में पूजा को 199वी रैंक मिली है। पूजा साहू को IAS मिल सकता है, अगर IAS ना भी बनी, तो कम से कम IPS जरूर मिल जायेगा। शिक्षक मां-पिता की बेटी पूजा साहू की पूरी पढ़ाई गांव में रहकर पूरी हुई। NW न्यूज से बात करते हुए पूजा साहू कहती है कि उनकी मां ने बचपन से ही IAS-IPS बनने को लेकर मोटिवेट किया।
अपनी कामयाबी का श्रेय पूजा साहू अपनी मां को ही ज्यादा देती है। पिता एनके साहू हाल ही में BEO से रिटायर हुए हैं, जबकि मां अभी भी मगरलोड में मीडिल स्कूल की हेडमास्टर है। पूजा बताती है कि उन्होंने 12वीं बायलॉजी और गणित दोनोें सब्जेक्ट लेकर लिहाजा, उन्होंने इंजीनिरिंयग कि भी परीक्षा दी और पीएमटी की परीक्षा दी। उनका NIT रायपुर में सेलेक्शन हुआ था, यहां उन्होंने पढ़ाई पूरी की और फिर UPSC की तैयारी में लग गयी। पहले दो प्रयास में तो पूजा साहू UPSC की प्रारंभिक परीक्षा ही नहीं निकाल पायी। प्रीलीम्स की परीक्षा भी पास नहीं करने के बाद पूजा पूरी तरह से टूट गयी थी, लेकिन उन्होंने निराशा के बावजूद अपना हौसला कभी डिगने नहीं दिया।
पूजा कहती है कि दो बार जब आप प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाओ, तो लगता है कि वो इतने दिनों से कहीं झूठा सपना तो नहीं देख रही थी, इस नाजुक मौके पर आपके परिवार का सपोर्ट बहुत जरूरी होता है, जो मां की तरफ से मिला। मां ने हमेशा इमोश्नल सपोर्ट दिया। पूजा कहती है कि उन्होंने UPSC की पूरी तैयारी धमतरी में ही रहकर की। हालांकि UPSC का पैटर्न जानने के लिए वो साल 2019 में 5 महीने कोचिंग के लिए जरूर दिल्ली गयी थी, लेकिन उसके बाद छत्तीसगढ़ लौट आयी।
ना व्हाट्सएप ना सोशल मीडिया, दोस्तों तक से बात नहीं की
पूजा कहती है कि 3 साल से वो पूरी तरह अनसोशल हो गयी थी। सालों से उन्होंने टीवी नहीं देखा, यही नहीं आखिरी फिल्म भी उन्होंने दिल्ली में देखी थी। पूजा कहती है कि तीन सालों से उन्होंने किसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को ज्वाइन नहीं किया। एक-दो दोस्तों से 3-4 महीने में उनकी बातें हो जाये तो हो जाये, वरना तीन सालों में दोस्तों के साथ भी बातें नहीं की। पूजा कहती है कि अपने सपने को पूरा करने के लिए मैंने कई दोस्त अपने खो दिये, उनकी शादी, सेलिब्रेशन किसी में भी शामिल नहीं हुई। मुझे आज UPSC में मिली कामयाबी की खुशी तो है, लेकिन पीछे देखती हूं तो अपने दोस्तों को खोने का दुख भी होता है। परिवार के शादी और अन्य कार्यक्रमों में भी पूजा नहीं गयी। पूजा कहती है कि मैं तीन साल तक पूरी दुनिया से कट गयी थी। सिर्फ जरूरी की खबरें ही पढ़ा करती थी, बाकी वक्त अपनी पढ़ाई में ही लगी रहती थी।
इंटरव्यू में दो बार मिला VERY GOOD
पूजा को इंटरव्यू के दौरान पैनलिस्ट से खूब शाबाशी मिली थी। पूजा कहती है कि उन्होंने पैनलिस्ट के स्किल डेवलपमेंट और राज्यों के विकास में असमानताओं को लेकर जो जवाब दिया, उससे पैनलिस्ट काफी प्रभावित हुए। इंटरव्यू के दौरान पूजा से स्किल डेवलमेंट को लेकर तीन आइडिया के बारे में पूछा गया था, वहीं राज्यों के विकास में असमानताओं को लेकर पूछा गया था कि आखिर क्यों कोई राज्य इतना विकास कर जाता है और कुछ राज्यों में विकास नहीं हो पाता है, क्या वहां की राज्य सरकारें इसके लिए जिम्मेदार होती है। इस सवाल का जवाब भी बहुत विस्तार से पूजा ने दिया।