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UP ELECTION – जीत की ओर बढ़ रही BJP के साथ योगी बनाएंगे इतिहास! यूपी में कई मिथक टूटने के साथ….अब इन राजनीतिक किस्सों पर लगेगा विराम

 

उत्तर प्रदेश 10 मार्च 2022 । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी सरकार बनाती नजर आ रही है। शुरूवाती रूझानों में यूपी में भाजपा 200 के पार सीटो पर लगातार बढ़त बनाये हुए है। इन सारे रुझानों के साथ ही एग्जिट पोल्स पर मुहर लगती दिख रही है। यूपी में लगातार दूसरी बार बीजेपी की सरकार बनने पर कई राजनीतिक किस्सों पर पूर्ण विराम लगने के साथ ही कई मिथक टूटने की भी बात सामने आ रही है। यानी कुछ नए रिकॉर्ड बन जाएंगे। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में नया इतिहास भी रच देंगे।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मिथक हमेशा से चर्चा में रहा है कि जो भी मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा जाता है, उसकी कुर्सी अगले चुनाव में चली जाती है। नोएडा से जुड़े इस अंधविश्वास का खौफ नेताओं में इतना अधिक रहा है कि अखिलेश यादव बतौर मुख्यमंत्री एक बार भी नोएडा नहीं आए। उनसे पहले मुलायम सिंह यादव, एनडी तिवारी, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह जैसे नेताओं ने भी नोएडा से दूरी बनाए रखी। 2007 से 2012 के बीच मायावती ने इस मिथक को तोड़ने की और दो बार नोएडा गईं। लेकिन 2012 में उनकी सरकार गिर जाने के बाद नोएडा का ये मिथक फिर चर्चा में आ गया। वहीं दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ अपने कार्यकाल के दौरान कई बार नोएडा गए। ऐसे में अब ये मिथक भी टूटता दिख रहा है।

पांच साल सरकार चलाने के बाद दोबारा सीएम बनने का रिकॉर्ड

आजादी के बाद से अब तक कोई भी मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अगले चुनावी नतीजों के बाद मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। अगर योगी सरकार सत्ता में वापसी करती है, तो योगी आदित्यनाथ यह रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लेंगे।

15 साल बाद कोई विधायक बनेगा मुख्यमंत्री

जीत की ओर बढ़ती भाजपा ने पूरा चुनाव योगी आदित्यनाथ के काम पर लड़ा है। अगर योगी दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो 15 साल के बाद कोई विधायक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा। 2007 में मायावती, 2012 में अखिलेश यादव और फिर 2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने। तीनों विधान परिषद के रास्ते ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए।

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