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BEO-ABEO पर बेहद संगीन आरोप : बोर्ड परीक्षा के इंस्पेक्शन में पहुंचे अफसरों ने केंद्राध्यक्ष से की बदतमीजी….नकल प्रकरण बनाने, फोटो खींचने और पैसे मांगने के गंभीर आरोप…..संयुक्त संचालक ने किया तीन अधिकारियों को तलब, इधर, NW से बोले BEO….

बिलासपुर 25 मार्च 2022। बेलतरा के सीता देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बोर्ड परीक्षा के दौरान हुए विवाद का मामला जेडी कार्यालय तक पहुंच गया है। स्कूल में हुए विवाद पर बिल्हा BEO, ABEO बिल्हा और शैक्षणिक समन्वयक को संयुक्त संचालक ने तलब किया गया है। सीता देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की उप केंद्राधीक्षक व प्राचार्य की शिकायत पर तीनों को नोटिस जारी कर संयुक्त संचालक ने कार्यालय में तलब कियाहै।

केंद्राधीक्षक ने आरोप लगाया है कि बोर्ड परीक्षा के दौरान इंस्पेक्शन पर पहुंचे बीईओ, एबीईओ और शैक्षणिक समन्वयक ने परीक्षा में व्यवधान पैदा करने की कोशिश की। केंद्राधीक्षक ने ये भी आरोप लगाया है कि इस दौरान अधिकारियों ने नकल प्रकरण बनाने का दवाब बनाया, साथ ही परीक्षा केंद्र को बंद कराने की धमकी दी।

आरोप ये भी लगाया है कि स्कूल की प्राचार्या और उप केंद्राध्यक्ष के साथ दुर्व्यवहार किया गया, साथ ही प्राचार्य का मोबाइल से फोटो खीचकर रखने और नोटिस की धमकी देकर पैसे मांगा गया। इस मामले में 25 मार्च को दोपहर 12 बजे बिल्हा के बीईओ और एबीईओ के अलावे शैक्षणिक समन्वयक को जेडी कार्यालय तलब किया गया है।

इस मामले में जब हमने BEO से बात की, तो उन्होंने पूरे आरोपों से खंडन किया है, उन्होंने कहा कि

उस दिन ऐसा कुछ हुआ नहीं था, हमलोंग फ्लाइंग स्क्वाड में गये थे, अखिलेश तिवारी और सुनीता ध्रुव भी हमारे साथ थी, वहां ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था, ना जाने ऐसा क्यों हम पर आरोप लगाया गया। हमलोगों ने वहां सभी से नम्रतापूर्वक ही व्यवहार किया। हमलोगों से ये जरूर गलती हुई कि हमलोगों ने वहां कोई टिप नहीं लिखा, वहां परीक्षा शांतिपूर्ण चल रहा था, तो दुर्व्यवहार का सवाल ही नहीं उठता, हमलोंग एक एक कमरे में गये सभी जगह ठीक स्थिति परीक्षा हो रही थी। उस दिन सिर्फ उसी स्कूल में नहीं 5 स्कूल में निरीक्षण में गये थे, सब जगह हमलोगों ने टिप लिखा, लेकिन जिस स्कूल में आरोप वाली बात आ रही है, वहां टिप नहीं लिख पाए। हमलोगों पर लगे आरोप गलत है। जहां तक फोटो का सवाल है, तो ये सामान्य प्रक्रिया है, ताकि फोटो अपलोड कर ये बता सके कि परीक्षा शांतिपूर्ण चल रही है। कहीं से गलत भावना के साथ कोई काम नहीं हुआ है।

अगर सही तरीके से हुई जांच तो नप सकते हैं अधिकारी

पूरे मामले पर जब हमने मंडल के कार्यप्रणाली से वाकिफ अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि उड़नदस्ता की टीम के लिए भी नियम कायदे बनाए जाते हैं और उनका पालन सब को करना आवश्यक है , जिस के तहत निरीक्षण टीप उड़नदस्ता टीम द्वारा रजिस्टर में अंकित किया जाता है और जो भी व्यवस्था केंद्र की देखी जाती है उसका उसमें स्पष्ट वर्णन होता है इसी प्रकार बैठक व्यवस्था से लेकर केंद्र संचालन के बारे में उचित टिप्पणी करते हुए प्रपत्र भरा जाता है साथ ही केंद्र अध्यक्ष भी इस बात का प्रपत्र के जरिए लिखित प्रमाण देते हैं की उक्तल उड़नदस्ता दल द्वारा आज केंद्र की जांच की गई और उनका निरीक्षण टीप रजिस्टर के इस पेज पर अंकित है जिसका बकायदा प्रारूप माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी किया जाता है ।

इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है की उड़नदस्ता दल द्वारा जांच तो की गई लेकिन जिस कार्यवाही के लिए वह गए थे वह उन्होंने किया ही नहीं जबकि सीसीटीवी कैमरे में केंद्र में लंबे समय तक उनकी उपस्थिति दर्ज है साथ ही केंद्र अध्यक्ष द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए हैं तो बड़ा सवाल यह है कि यदि सब व्यवस्था सही थी तो विवाद क्यों खड़ा हुआ क्योंकि महज एक फोटो खींचने से विवाद हो ही नहीं सकता , साथ ही सरकारी स्कूल के व्याख्याता को निजी स्कूल का केंद्र अध्यक्ष बनाया गया था ऐसे में निजी स्कूल की उप केंद्राध्यक्ष का फोटो खींचने के विवाद को लेकर सरकारी स्कूल का व्याख्याता सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों की झूठी और इतनी बड़ी शिकायत कर ही नहीं सकता । साफ है कि मामला कुछ और है और प्रथम दृष्टया बयान से यह साफ होता है कि जो अधिकारी निरीक्षण पर गए थे उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन सही तरीके से नहीं किया अब देखना यह होगा की जेडी के द्वारा अपनी जांच में क्या मामले की पोल खोली जाती है या फिर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है ।

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