शिक्षक/कर्मचारी

VIDEO : “……अगर वेतन विसंगति की मांग सरकार ने पूरी कर दी तो समझ लो खत्म हो जायेगा हमारा संगठन”…..सहायक शिक्षकों के आंदोलन से दूसरे संगठनों में मचा हड़ंकप…..असितत्व खत्म होने का सताने लगा है डर….देखिये बैठक में किस तरह की चल रही है बात…

रायपुर 19 दिसंबर 2021। ….तो क्या सहायक शिक्षकों के आंदोलन से दूसरे संगठनों में हड़कंप मच गया है ?….क्या फेडरेशन की बढ़ती ताकत से दूसरे संगठनों का अस्तित्व खतरे में है ?….क्या सहायक शिक्षक फेडरेशन ही अब प्रदेश का सबसे बड़ा संगठन बन गया है ?….क्या इस आंदोलन में साथ नहीं दिया तो दूसरे संगठनों से सहायक शिक्षक फेडरेशन का हिस्सा बन जायेंगे?….

ये तमाम सवाल इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया में एक वीडियो बड़ी ही तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि इस वीडियो की पुष्टि newway न्यूज नहीं करता है, लेकिन इस VIDEO के बारे में जो अब तक जानकारी आयी है, वो ये बता रही है कि ये वीडियो टीचर्स एसोसिएशन का है और कोरिया जिले की बैठक की है। तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो में एसोसिएशन के पदाधिकारी संगठन में सहायक शिक्षकों के फेडरेशन की तरफ झुकाब की बात स्पष्ट रूप से कह रहे हैं।

वीडियो में जो संबोधित कर रहे हैं, वो टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव प्रह्लाद सिंह हैं। वहीं पास में कोरिया के जिलाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह हैं। अपने संबोधन में प्रह्लाद सिंह ने संगठन की स्थिति और सहायक शिक्षकों की मनोदशा के बारे में स्पष्ट रूप से कह रहे हैं। उनके कहने का आशाय साफ है कि अगर संगठन की तरफ से इस आंदोलन का साथ नहीं दिया गया तो एसोसिएशन को इसकी कड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।

सहायक शिक्षक मानने को तैयार नहीं है, कहां तक रोकोगे आप, निचले स्तर से सब भागने लगे हैं, उपर-उपर की मत देखिये, नीचे देखिये, लोग नहीं बच रहे हैं। सब जा रहे हैं, जैसे भी जा रहे हो, मेरे संकुल के सभी शिक्षक कल गये ये बोल के की, जा रहे हैं हड़ताल पर। मैं प्रांतीय पदाधिकारी हूं, इसके बावजूद सहायक शिक्षकों ने हमसे पूछना जरूरी नहीं समझा, उन्हे लगा कि वो सहायक शिक्षक हैं और वो आंदोलन में जायेंगे। आज सहायक शिक्षक को 10 हजार से 16 हजार तक नुकसान हो रहा है, उसे देखकर सब भाई लोग जा रहे हैं। अगर संजय शर्मा आंदोलन में नहीं जाते हैं और सरकार किसी तरह से वेतन विसंगति की मांग पूरी कर देती है या ऐलान कर देते हैं तो संजय शर्मा का अस्तित्व खत्म हो जायेगा।

बैठक में खुले तौर पर जिस तरह से प्रांतीय पदाधिकारी ये बातें कह रहे हैं उससे तो यही लगता है कि संगठनों में काफी खलबली हैं। अभी के मौजूदा वक्त में सहायक शिक्षक फेडरेशन प्रदेश का सबसे ताकतवर संगठन बन गया है। अभी तक टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक, संयुक्त शिक्षक संघ ने अलग-अलग तरीके से समर्थन देने की बात कह रहे थे, लेकिन जिस तरह से अचानक शिक्षक फेडरेशन को लेकर आकर्षण बढ़ा हैं, वो उन बड़े संगठनों के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि कई संगठन के लोग अब सीधे पर संगठन की सीमा लांघकर इसलिए फेडरेशन की हड़ताल में पहुंच रहे हैं क्योंकि उन्हें ये लगा है कि वेतन विसंगति के मुद्दे पर कोई संगठन उनकी मांग रख रहा है तो वो संंगठन सहायक शिक्षक फेडरेशन का है।

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