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VIDEO-“52 साल का हो गया, लेकिन आज भी मेरे पास अपना घर नहीं”…राहुल गांधी ने अधिवेशन में सुनाया 1977 का किस्सा… यात्रा के दौरान, घुटने के दर्द का भी किया जिक्र

रायपुर 26 फरवरी 2023। रायपुर में कांग्रेस के 85वां अधिवेशन में राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. राहुल गांधी ने इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह भरा। उन्होंने अपने यात्रा के अनुभव और राजनीतिक यात्रा के दौरान संघर्षों को भी याद किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है और परिवार के पास जो घर है वो इलाहाबाद में है. वो भी घर नहीं है।

120 तुगलक लेन मेरा घर नहीं है. राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं सोचता था कि फिट हूं, 20-25 किलोमीटर चल लूंगा, लेकिन यात्रा शुरू होते ही घुटने का पुराना दर्द लौट आया और 10-15 दिनों में मेरा अहंकार खत्म हो गया. भारत जोड़ो यात्रा के लेकर राहुल गांधी ने कहा “जब पदयात्रा में निकला तो सोचा मेरी जिम्मेदारी क्या है? मैंने कहा कि मेरे साइड में और आगे पीछे जो खाली जगह है, जिसमे हिंदुस्तान के लोग मिलने आएंगे. अगले चार महीने के लिए हमारा वो घर हमारे साथ चलेगा.”

राहुल गांधी ने भाषण में कहा कि 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है और परिवार के पास जो घर है वो इलाहाबाद में है. वो भी घर नहीं है. 120 तुगलक लेन मेरा घर नहीं है. जब पदयात्रा में निकला तो सोचा मेरी जिम्मेदारी क्या है? मैंने कहा कि मेरे साइड में और आगे पीछे जो खाली जगह है, जिसमे हिंदुस्तान के लोग मिलने आएंगे. अगले चार महीने के लिए हमारा वो घर हमारे साथ चलेगा. इस घर में जो भी आएगा अमीर-गरीब, बुजुर्ग युवा हो या बच्चा किसी भी धर्म और स्टेट का जानवर हो, उसे ये लगना चाहिए की मैं आज अपने घर आया हूं.

उन्होंने 1977 का एक किस्सा सुनाया, जिसे सुनकर उनकी मां सोनिया गांधी भी भावुक हो गईं। राहुल ने कहा कि मैं 52 साल का हो गया, लेकिन आज भी मेरे पास अपना घर नहीं है। यह बताने के लिए उन्होंने एक पुरानी घटना का सहारा लिया। राहुल ने कहा, ‘1977 की बात है। में छोटा था। देश में चुनाव होने वाले थे। घर पहुंचा तो अजीब माहौल था। मैं ने मां से पूछा तो बोली कि हम घर छोड़ रहे हैं।राहुल ने आगे कहा, ‘तब तक मैं यह सोचता था कि यह घर हमारा है। मैंने घर छोड़ने का कारण पूछा तो मां ने मुझे पहली बार बताया कि यह घर हमारा नहीं है। यह सरकार का घर है। हमें यहां से जाना होगा। मैंने पूछा कहां जाना है तो उन्होंने कहा कि यह मुझे नहीं मालूम। आज 52 साल हो गए। आज भी हमारे पास अपना घर नहीं है।’

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