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बादल के कारण चांद दिखाई न दें तब क्या करना चाहिए, और कैसे पूरा होगा सुहागिनों का करवा चौथ व्रत…

रायपुर 12 अक्टूबर 2022 : महिलाओं के जीवन में करवा चौथ व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की धीर्घयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और चांद के उगने तक अन्न-जल के बिना व्रत का पालन करती हैं। इस वर्ष करवा चौथ पर्व 13 अक्टूबर 2022 (Karwa Chauth Date) को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं चांद को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करती हैं। करवा चौथ व्रत जितना ही मुश्किल होता है उसका फल उतना ही मीठा भी होता है। मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से सभी दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां आती हैं। इस दिन चांद के दर्शन करके व्रत का पारण करने का विधान है। लेकिन कई महिलाओं के मन में यह चिंता पैदा हो जाती है कि बादल के कारण चांद दिखाई न दिया तो उस समय क्या करना चाहिए। ऐसी स्तिथि में क्या करना चाहिए जानिए पंडित अनिल झा से।

13 अक्‍टूबर को ही करवाचौथ का व्रत भी रखा जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर बादलों की लुकाछिपी और बारिश के बीच महिलाओं को चंद्र दर्शन नहीं हो सके, तो वो अपने व्रत का पारण कैसे कर सकेंगी…
करवाचौथ व्रत में चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत खोलने का शास्‍त्रीय नियम है। लेकिन शास्‍त्रों में विषम परिस्थितियों के लिए तमाम उपाय भी बताए गए हैं। अगर इस बार बारिश या बादलों के कारण चंद्र दर्शन न हो सकें, तो महिलाओं को निराश होने की जरूरत नहीं है। आपको बादलों में छिपने के कारण बेशक चंद्रमा के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि चंद्रमा उदित नहीं हुआ है। चंद्र और सूर्य तो नियमित रूप से समय पर उदित होते हैं।

ऐसे में आप अपने शहर में चंद्रोदय का समय जानें और उस शुभ समय पर एक चौकी पर लाल वस्‍त्र बिछाकर उस पर अक्षत यानी चावल से गोल चंद्रमा की आकृति बनाएं। इसके बाद ‘ॐ चंद्राय नमः’ या ‘ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:’ मंत्र का जाप करते हुए चंद्रमा का आवाह्न करें। इसके बाद चंद्र पूजन करें और वहीं चंद्रमा को अर्घ्‍य दें. अर्घ्‍य देते समय किसी स्‍वच्‍छ खाली पात्र को रख लें, ताकि जल की छींटें आपके पैरों तक न आएं। इसके बाद आप अपने व्रत का पारण कर सकती हैं।

कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि 13 अक्टूबर को रात 01 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी और 14 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। करवाचौथ का व्रत 13 अक्‍टूबर को रखा जाएगा। पूजा का अति शुभ समय शाम 07:34 से 09:30 बजे तक है। इसके अलावा 09:30 से 11:45 तक है।
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय बहुत मायने रखता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्योदय से शुरू हुआ यह कठिन व्रत चांद के दर्शन करने के बाद खत्म हो जाता है। ज्योतिष पंचांग के अनुसार करवा चौथ यानि 13 अक्टूबर के दिन चन्द्रोदय रात 8 बजकर 9 मिनट पर होगा।

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