बिग ब्रेकिंग

…जब कोयला संकट दूर करने आये मंत्रीजी फंसे हेलीकॉप्टर संकट में…… SECL नहीं करा पाया चौपर का इंतजाम, पूरा प्रोग्राम हो गया चौपट…. रांची के बदले बिलासपुर में ही करना होगा नाईट हॉल्ट

कोरबा 13 अक्टूबर 2021। .…मंत्रीजी आये तो थे कोयला संकट को दूर करने, लेकिन खुद ही हेलीकॉप्टर संकट में फंस गये। फंसे भी ऐसे की उनका प्रोग्राम ही चौपट हो गया। …ना ढंग से माइंस का इंस्पेक्शन कर पाये, ना रिव्यू मीटिंग ले पाये और ना ही शेड्यूल मेंटन कर पाये। इधर अफसरों का भी आधा वक्त मंत्रीजी के प्रोग्राम और शेड्यूल को मैनेज में ही गुजर गया।

देश में बिजली संकट के गहराते आशंका के बीच केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी छत्तीसगढ़ के कोरबा आये थे। कार्यक्रम बिल्कुल मिनट टू मिनट का था। 9 बजे दिल्ली से आयेंगे 11 बजे बिलासपुर पहुंचेंगे। बिलासपुर से साढ़े 11 बजे कोरबा पहुंचेंगे और फिर दो घंटे इंस्पेक्शन करेंगे। अफसरों संग मीटिंग करेंगे। फिर हेलीकाप्टर से बिलासपुर लौटेंगे और फिर विशेष विमान से रांची चले जायेंगे। लेकिन SECL के अफसरों ने मंत्रीजी के पूरे प्रोग्राम की ऐसी तैसी कर दी।

देश की सर्वोच्च कोल सेक्टर SECL अपने मंत्री के लिए एक हेलीकाप्टर तक की व्यवस्था नहीं कर पाया। मंत्रीजी अपने अफसरों की इस काबिलियत को देख खुद भी चकित थे। SECL के हेडक्वार्टर के बावजूद शीर्ष अफसर अपने मंत्री के लिए हेलीकाप्टर नहीं मंगवाये पाये। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का शेड्यूल पहले से तय था, लिहाजा राज्य सरकार का हेलीकाप्टर नहीं मिल सका।

जब तक SECL के अफसर जागते, तब तक काफी देर हो चुका था। आनन-फानन में झारखंड, उड़ीसा से संपर्क किया गया, ताकि हेलीकाप्टर मिल सके, लेकिन इतने कम वक्त में हेलीकाप्टर की व्यवस्था ही नहीं हो पायी। लिहाजा केंद्रीय मंत्री को बिलासपुर से कोरबा तक का सफर सड़क के जरिये तय करना पड़ा। वापसी के लिए भी अगर एसईसीएल हेलीकाप्टर जुटा पाता तो कार्यक्रम काफी हद तक मंत्री पह्लाद जोशी का मैनेज हो जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नतीजा ये हुआ कि मंत्री को वापसी भी सड़क के रास्ते बिलासपुर तक का करना पड़ा।

चूंकि बिलासपुर एयरपोर्ट को लेट नाइट फ्लाईंग की अनुमति नहीं है, लिहाजा मंत्री प्रह्लाद जोशी को बिलासपुर में ही नाइट स्टे करना पड़ा, जबकि उन्हे झारखंड पहुंचकर रांची में नाइट स्टे करना था।

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