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मेडिकल की पढ़ाई करने क्यों जाते हैं यूक्रेन…. क्या है इसकी प्रमुख वजह, जानिये….छत्तीसगढ़ के भी काफी छात्र यूक्रेन में फंसे हैं…

रायपुर 26 फरवरी 2022। छत्तीसढ़ के करीब डेढ़ सौ से 200 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। देश भर से करीब 14000 हजार छात्र यूक्रेन में हैं, जो भारत वापसी की तैयारी में है। इनमे सबसे ज्यादा संख्या मेडिकल स्टूडेंट की है। सबसे ज्यादा मेडिकल की पढ़ाई के लिए ही छात्र यूक्रेन जाते हैं। आखिर, क्या वजह है कि सबसे ज्यादा छात्र यूक्रेन डाक्टर बनने के लिए जाते हैं। मेडिकल स्टूडेंट का यूक्रेन के प्रति क्रेज कई वजहों से हैं।

सबसे पहले बात तो यही है कि …यूक्रेन में डॉक्टरी की पढ़ाई (Medical Education in Ukraine) भारत से कई गुना सस्ती हैं. इंडिया में अगर सरकारी कॉलेजों को छोड़ दिया जाए तो एक प्राइवेट कॉलेज से MBBS की डिग्री लेने में एक स्टूडेंट का खर्च लगभग 1 करोड़ रुपये तक बैठता है. जबकि यूक्रेन में 6 साल की डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए ये खर्च करीब 22 से 25 लाख रुपये ही पढ़ता है.

यूक्रेन से मिली डॉक्टरी की डिग्री की वैल्यू पूरी दुनिया में होती है. वहीं यहां पर स्टूडेंट्स को ग्लोबल एक्सपोजर भी मिलता है. Study in Ukraine वेबसाइट के मुताबिक यूक्रेन की मेडिकल डिग्री को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूरोपीय काउंसिल और अन्य वैश्विक संस्थाओं में मान्यता मिलती है.

यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई पॉपुलर होने की एक और बड़ी वजह भारत में MBBS की सीटों के लिए होने वाली कड़ी प्रतिस्पर्धा है. देश में MBBS की करीब 88,000 सीटें हैं और इसमें भी सरकारी सीटों की संख्या लगभग आधी है.  जबकि इन सीटों पर एडमिशन के लिए 2021 में लगभग 16 लाख छात्रों ने NEET की परीक्षा दी. वहीं हर साल यूक्रेन में भारत से लगभग 18,000 छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं और वहां का एडमिशन प्रोसेस भी काफी आसान है.

यूक्रेन से की गई मेडिकल डिग्री को नेशनल मेडिकल कमीशन मान्यता देता है. ऐसे में मिडिल क्लास से संबंध रखने वाले छात्र यूक्रेन से सस्ते में मेडिकल डिग्री करके इंडिया लौट आते हैं. यहां आने के बाद उन्हें कुछ पेपर देकर  डॉक्टरी की इंटर्नशिप और प्रैक्टिस का लाइसेंस मिल जाता है. साथ ही विदेशी डिग्री होने की वजह से नौकरी में भी बेहतर अवसर मिलते हैं.

यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद छात्रों को यूरोप में ही नौकरी करने का मौका मिलता है. इतना ही नहीं नौकरी के साथ-साथ उनके पास यूरोप का स्थायी निवासी बनने का भी अवसर होता है.

 

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