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बालवाड़ी के क्रियान्वयन पर कार्यशाला : कार्यशाला के दूसरे दिन शिक्षाविदों ने रखे अपने विचार…. देश के कोने-कोने से आये विशेषज्ञों ने बालवाड़ी के बेहतर क्रियान्वयन के लिए दिये अपने सुझाव

रायपुर 20 अप्रैल 2022। शिक्षा के क्षेत्र में छ्त्तीसगढ़ सरकार का एक और ड्रीम प्रोजेक्ट “बालवाड़ी” का जल्द क्रियान्वयन शुरू हो जायेगा। योजना के क्रियान्वयन को लेकर राज्य स्तरीय कार्यशाला के दूसरे दिन आज SCERT में देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे शिक्षाविदों ने शिक्षा विभाग के सचिव डा कमलप्रीत सिंह और SCERT संचालक राजेश राणा की मौजूदगी में अपने विचार रखे। कार्यशाला की शुरुआत शिक्षा सचिव के संबोधन से हुआ।

इस विचार मंथन के दौरान चितरंजन कॉल, निदेशक , CLR ने कहा की मोर बालवाड़ी की पहल में 5-6 आयु वर्ग के तरह हाई 3-4 एवं 4-5 आयु वर्ग के बच्चों को भी शामिल करना चाहिए । उसी प्रकार UNICEF से आए सुनिशा आहूजा, ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा की मोर बालवाड़ी सफल संचालन हेतु राज्य को शुरू से इस कार्यक्रम बेहतर प्रचार प्रसार पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे इस कार्यक्रम से लाभान्वित हो पाए। साथ ही इग्नू से आये रेखा शर्मा सेन, ने कहा की हमें अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में दोनों शिक्षा विभाग के शिक्षकों एवं महिला एवं बाल विकास के कार्यकर्ताओं के लिए एकीकृत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना होगा तभी हम इस कार्यक्रम को आसानी से क्रियान्वयन कर पाएंगे।

उन्होंने राज्य को यह भी सुझाव दिया की बालवाड़ी में प्रवेश लेने जा रहे सभी बच्चों का प्रवेश आकलन करना चाहिए ताकि शिक्षकों को अपनी तैयारी करने में आसानी हो एवं वर्ष के अंत में हमें अपने सिस्टम की समझ बेहतर तरीके से मिल पाए। इसी प्रकार अन्य विशेषज्ञों के राय को सुनते हुए यह भी चर्चा हुई की आगे आने वाले समय में बालवाड़ी में कार्य कर रहे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए राज्य स्तरीय प्रशस्ति भी दिया जायेगा। इस मीटिंग में SCERT के अतिरिक्त संचालक डॉ योगेश शिवहरे, छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग की सलाहकार मिताक्षरा कुमारी, सायंतनी गद्धाम- निदेशक- आह्वान ट्रस्ट, अमिता कौशिक निदेशक – एजूवेव, सावित्री सिंह NCERT के विशेषज्य, छाया कँवर, UNICEF एवं SCERT की टास्क टास्क फ़ोर्स भी इसमें शामिल हुई।

कार्यशाला में विशेषज्ञों ने राज्य में बालवाडी के क्रियान्वयन के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए-


• प्रथम वर्ष में तीन तीन माह की सामग्री बनाकर जारी किया जाना चाहिए ताकि उसकी समीक्षा कर सुधार किया जा सके
• बालवाडी के लिए चयनित शिक्षक द्वारा ही कक्षा पहली एवं दूसरी में भी पढ़ाया जाए ताकि एक श्रंखला बनी रहे
• बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में सीखने के पर्याप्त अवसर दिए जाएं और इसके लिए स्थानीय स्तर पर सामग्री विकसित करने हेतु संसाधन तैयार किए जाए
• बालवाडी कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और घर घर दस्तक देकर पांच आयु वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिलवाया जाए
• माताओं का उन्मुखीकरण कर लीडर माताओं को अन्य माताओं को संगठित करने एवं उन्हें घर में एवं स्कूल में सीखने के अवसर दिए जाएं
• समुदाय से पढ़े-लिखे व्यक्तियों को सिखाने में सहयोग की जिम्मेदारी दी जाए
• बालवाडी की मानिटरिंग हेतु एक अलग कैडर बनाया जाए और उनके माध्यम से सतत समर्थन देना सुनिश्चित किया जाए
• महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपरवाइजर को भी बालवाडी की मानिटरिंग की जिम्मेदारी दी जाए
• बालवाडी में प्रिंट-रिच वातावरण तैयार कर सीखने का बेहतर माहौल बनाया जाए
• बालवाडी में एक फ्रीडम वाल हो जिसमें बच्चों को अपने मन से कुछ भी चित्र बनाने एवं लिखने का अवसर दिया जाए
• आंगनबाडी एवं बालवाडी के शिक्षकों के लिए उनकी भूमिका का निर्धारण करना होगा
• बालवाडी और प्राथमिक शाला के शिक्षक प्रति सप्ताह मिलकर आगामी सप्ताह के गतिविधियों पर चर्चा करें

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