हेडलाइन

“जिस अफसर ने छुट्टी के दिन मेरी जमीन नपवायी, वो आज मेरे सचिव है” मुख्यमंत्री बोले- “मैं बदले की भावना से काम नहीं करता”…अविश्वास प्रस्ताव के दौरान पढ़िये CM के संबोधन की खास बातें…

रायपुर 28 जुलाई 2022। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर करीब 16 घंटे चर्चा चली। इस दौरान सत्ता-पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंक झोंक के बीच गरमा गरम बहस हुई। विपक्ष के आरोपों का सत्ता पक्ष की तरफ से तगड़ा जवाब दिया गया। अविश्वास प्रस्ताव के आखिरी वक्ता के रूप में खड़े हुए सदन के नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष के तमाम आरोपों का बारी-बारी से जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने सुशासन को सरल बनाया है। आज आम जनता अपने मुख्यमंत्री से सीधे बात कर सकती है। हमने छत्तीसगढ़िया का आत्मबल बढ़ाया है। हम नवा छत्तीसगढ़ गढ़ रहे हैं।

सेंट्रल एजेंसी पर उठाये सवाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य कि 58 में से 52 कोयला खदाने SECL के पास है । अनियमितता का पता चलते ही हमने कार्यवाही की है। काम करते समय त्रुटि हो सकती है , लेकिन हमारी नीयत में कोई खोट नहीं है ।
आदिवासी कला ,आदिवासी संस्कृति सभी को हम सुरक्षित और संरक्षित करने का कार्य कर रहे हैं। सेंट्रल एजेंसी कार्रवाई करें हम को कोई दिक्कत नहीं है….लेकिन सेंट्रल एजेंसी करती क्या है। सब साजिश के तहत होता है एक उद्देश्य लेकर एक आदमी को घेरने के लिए पूछताछ करती है। सामने वाले का नाम ले दो हम छोड़ देंगे इस तरीके के ऑफर देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पत्र लिखा है नान घोटाले में किसका नाम है? कौन सीएम है? कौन सीएम मैडम है? क्यों नहीं पूछती ईडी।

भ्रष्टाचार पर सख्त है सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में सरकार ने सख्ती के साथ कार्रवाई की है। हमने तो कार्रवाई की है। हम भष्टाचार रोकने की दिशा में काम करते है। पिछली सरकार में मनी लॉन्ड्रिंग हुआ है तो सेंट्रल एजेंसी जांच क्यों नहीं करती। हमने गृहमंत्री, वित्त मंत्री को पत्र लिखा है। जांच होनी चाहिए, छत्तीसगढ़ की गरीब जनता का पैसा जमा है उसे लूटा गया है, उसकी जांच में चाहिए। ईडी इन मामलों की क्यों जांच नहीं करती। हमें डर किसी बात का नहीं है, हमने जांच के लिए लिखकर भेजा है।

मैं बदले की कार्रवाई नहीं करता

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे दादा के पास 1000 एकड़ जमीन है। मेरे परिवार ने भिलाई स्टील प्लांट को जमीन दी है। जिस अधिकारी ने मेरे खेत को छुट्टी के दिन भरी बरसात में नपवाया था, वही मेरा आज सचिव है। मैं बदले की कार्रवाई नहीं करता।

गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का स्लोगन लेकर चल रही है

इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष के तमाम आरोपों का सिलसिलेवार ढंग से जवाब दिया। मुख्यमत्री ने कहा कि हमारी सरकार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का स्लोगन लेकर चल रही है। हमने किसानों , राज्य के लोगों का भला करने के लिए क़र्ज़ लिया । हम व्यक्ति को केंद्र में रखकर योजना बना रहे है । स्वास्थ्य , शिक्षा , रोज़गार , सुपोषण को ध्यान में रखकर काम कर रहे है । दो वर्ष कोरोना के बावजूद शिक्षा , रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराये । मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर को नल से जल देने की योजना है , हम पहले जल की व्यवस्था कर रहे हैं नरवा प्रोजेक्ट के जरिए जल संरक्षण कर रहे हैं ताकि सतही जल का उपयोग हो सके । हमने हाट बाज़ार क्लिनिक योजना शुरू की और शहर में स्लम स्वास्थ्य योजना बनाई।

आत्मानंद स्कूल की डिमांड कर रहे हैं लोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में आत्मानंद स्कूल की माँग है। 27 विधानसभा का दौरा किया है मैंने…आदिवासी क्षेत्रों में बैंक की माँग है। आम जनता की माँग है बैंक खोलने के लिए..क्योंकि अब लोगों को पैसा मिल रहा है। अब लोगों को पैसे मिलने लगा है.. आदिवासी अंचल की समूह की महिलाएं सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी बात रख रही है काम भी मिल रहा है और सम्मान भी मिल रहा है। विकास, विश्वास और सुरक्षा का मंत्र है। राजनांदगाँव से राझरा, अंतगढ़, नारायणपुर तक सड़के बन रही है। नक्सली अब पलायन कर रहे है। नक्सली 14 ज़िले में थे.. नक्सल समस्या हमको विरासत में मिली थी ।

केंद्र पैसा दे या ना दे, हम किसानों को पैसा देंगे

मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों पर कहा कि आज किसानो के बारे में कह रहे है ..हमने कहा हम किसानो का पूरा धान ख़रीदेंगे चाहे केंद्र से राशि मिले या न मिले। केंद्र सरकार राशि दे या नहीं दे । चावल खरीदे या नहीं खरीदे हम किसानों से धान समर्थन मूल्य में खरीदेंगे। हमने जो वादा किया वह निभाया है ।विपरीत परिस्थितियों के बाद भी रकबा में वृद्धि हुई किसानों की संख्या में वृद्धि हुई। बड़े-बड़े किसान खेती छोड़ चुके थे वह खेती की ओर फिर से मुड़ गए हैं। 30 लाख हेक्टर का पंजीयन हो रहा है।हमारी कोशिश है कि यहाँ के किसानो और मज़दूरों के जीवन में बदलाव आए। गाँव में लोग ख़ाली बैठे थे , पहले क्या स्थिति थी और आज क्या स्थिति है. बड़े बड़े किसान और खेती छोड़ चुके थे लेकिन आज सब फिर से किसानी से जुड़ रहे है। लोग गाँव छोड़कर शहर बसने लगे थे ।जब से हमने खेती को लाभकारी बनाया है.. रिवर्स मायग्रेशन होने लगा है और आज हमारे गाव बौद्धिक सम्पदा से भरपूर हो रहा है।

Back to top button