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62 साल में 200 विमान हादसे, वायुसेना के बेड़े में सबसे पुराना और सबसे भरोसेमंद है ये विमान…..


नई दिल्ली 29 जुलाई 2022 : राजस्थान के बाड़मेर के पास गुरुवार रात एक ट्रेनिंग उड़ान के दौरान मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में भारतीय वायु सेना (IAF) के दो पायलटों की मौत हो गई। IAF ने कहा कि दो सीटों वाला मिग-21 ट्रेनर विमान उतरलाई हवाई अड्डे से उड़ान भर रहा था।दुर्घटना रात करीब 9:10 बजे हुई। हादसे में विमान में सवार दोनों पायलट विंग कमांडर एम राणा और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल शहीद हो गए। एम राणा हिमाचल प्रदेश के मंडी के थे, जबकि अद्वितीय बल जम्मू के रहने वाले थे।

ये विमान भीमड़ा इलाके में जिस जगह क्रैश हुआ, वहां आधे किमी के एरिया में मलबा बिखरा पड़ा मिला है। वायुसेना की तरफ से पायलट की पहचान के बारे में अब तक सूचना नहीं दी गई है। मिग-21 विमान क्रैश होने की सूचना मिलते ही कलेक्टर, एसपी समेत वायुसेना के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।

भारतीय वायुसेना ने एक बयान में कहा- ‘भारतीय वायुसेना का एक ट्विन सीटर मिग-21 ट्रेनर विमान आज शाम राजस्थान के उतरलाई हवाई अड्डे से प्रशिक्षण के लिए उड़ान भरा था। रात करीब 9:10 बजे बाड़मेर के पास विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान हादसे में भारतीय वायुसेना को पायलटों के जान गंवाने का गहरा अफसोस है और शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ा है। वायुसेना ने कहा कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है।

दुर्घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से बात की राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में दो पायलटों की मौत पर दुख जताया। राजनाथ सिंह ने कहा- राजस्थान में बाड़मेर के पास भारतीय वायुसेना के मिग-21 ट्रेनर विमान की दुर्घटना में दो वायु योद्धाओं के शहीद हो जाने से गहरा दुख हुआ है। उन्होंने कहा- देश के प्रति उनकी सेवा को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। हादसे में विमान में सवार दोनों पायलट विंग कमांडर एम राणा और फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल शहीद हो गए। एम राणा हिमाचल प्रदेश के मंडी के थे, जबकि अद्वितीय बल जम्मू के रहने वाले थे।

भारतीय वायुसेना के बेड़े में ये विमान 1960 के दशक की शुरुआत में शामिल हुए थे और 62 साल में अब तक इन विमान की करीब 200 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। न्यूज एजेंसी PTI के मुताविक , मिग-21 लंबे समय तक भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार हुआ करता था।हालांकि, विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बहुत खराब है। विमान दुर्घटनाओं में कई की जान भी गई है। इसी साल मार्च में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट ने राज्यसभा में बताया था कि पिछले पांच वर्षों में तीन सेवाओं के विमान और हेलिकॉप्टरों की दुर्घटनाओं में 42 रक्षा कर्मियों की मौत हुई है। पिछले पांच सालों में कुल 45 हवाई दुर्घटनाएं हुईं, इनमें से 29 में भारतीय वायुसेना के प्लेटफॉर्म शामिल थे।
हालांकि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद मिग-21 बाइसन विमान ने ही पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों के छक्के छुड़ाए थे। वायुसेना 1960 से मिग-21 विमानों का इस्तेमाल कर रही है।

बाड़मेर जिले में 9 साल में यह आठवां मिग 21 क्रैश

12 फरवरी 2013: उत्तरलाई से महज 7 किमी. दूर अनाणियों की ढाणी कुड़ला के पास मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित।

7 जून 2013: उत्तरलाई से 40 किमी. दूर सोडियार में मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित।

15 जुलाई 2013: उत्तरलाई से 4 किमी. दूर बांदरा में मिग-27 क्रैश, पायलट सुरक्षित।

27 जनवरी 2015: बाड़मेर के शिवकर रोड पर मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित।

10 सितंबर 2016: मालियों की ढाणी बाड़मेर में मिग-21 क्रैश, पायलट सुरक्षित।

15 मार्च 2017: शिवकर के पास सुखोई- 30 क्रैश, पायलट सुरक्षित।

25 अगस्त 2021: मातासर भुरटिया में मिग-21 बाइसन क्रैश, पायलट सुरक्षित।

28 जुलाई 2022: भीमड़ा गांव में मिग-21 बाइसन क्रैश, दो पायलट शहीद।

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