ब्यूरोक्रेट्स

PHOTO : सर पर फौजी कैप….पीठ पर टंगा बैग और फर्राटा भरती बाईक ….. जब देसी अंदाज में कलेक्टर पहुंचे घनघोर जंगली रास्तों से नक्सल प्रभावित गांवों में…… अंदाज ऐसा कि लोग पहचान ही नहीं पाये…एक से पूछा- कौन हूं मैं… तो जवाब मिला… देखे-देखे जेइसन लगथे

धमतरी 6 मार्च 2022। ….सर पर फौजी कैप….पीठ पर टंगा बैग और फर्राटा भरती बाईक !….आज कलेक्टर को इस अंदाज में जिस किसी ने भी देखा हैरान रह गया। कईयों को तो मिनटों पहचानने में लग गये कि कोई कलेक्टर भी इतनी सादगी के साथ नजर आ सकता है।

यूं तो अपनी सादगी की मिसाल कलेक्टर पीएस एल्मा कई दफा पेश कर चुके हैं। पर आज उनका अंदाज थोड़ा हटकर था। कलेक्टर एल्मा आज छुट्टी के दिन बंगले में आराम करने के बजाय सुदूर जंगलों से गुजरते हुए वनांचल क्षेत्र में इंस्पेक्शन के लिए पहुंच गये। कमाल की बात ये रही कि सुरक्षा की परवाह किये बगैर कलेक्टर खुद ही बाइक ड्राइव कर उन लाल आंतक के गढ में पहुंचे।

घोर नक्सल प्रभावित नगरी के सुदूर दर्जनों गांवों का आज कलेक्टर एल्मा ने बाइक से ही दौरा किया। प्रशासनिक टुकड़ी के साथ बियावान में निकले कलेक्टर ने सुबह दस बजे  निकले और करीब 60-70 किलोमीटर का सफर बाइक से पूरा किया। इस दौरान उन्होंने बिरना सिल्ली, सांकरा, अरसीकन्हार, खालगढ़, बोइरगांव, संदबहार, मांदागिरी, उजरा वन, गादूलबहार, खल्लारी, ठोठागुरिया,आमाबहार, जोरातराई, करही,गहनासियार, मासुलखोई, रिसगांव सहित कई गांवों का दौरा किया। कलेक्टर ने इस दौरान ग्रामीणों के साथ बात की और उनकी समस्याओं को भी सुना। उन्होंने मौके पर ही कई ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान भी किया।

जिन-जिन गांवों में कलेक्टर एल्मा पहुंचे, उनमें से कई गांव तो ऐसे थे, जहां आज से पहले कभी इतने बड़े अधिकारी पहुंचे ही नहीं थे, लिहाजा ग्रामीणों की भीड़ कलेक्टर के सामने लग गयी। कलेक्टर को अपने बीच पाकर ग्रामीण फुले नहीं समा रहे थे, लिहाजा कई ग्रामीण अपनी परेशानी लेकर भी कलेक्टर के सामने पहुंचे, जिसे कलेक्टर ने मौके पर ही निराकरण के निर्देश दिये।

कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्रों की मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, पुल पुलिया, बिजली, पानी, स्वास्थ्य,शिक्षा, मनरेगा के तहत परिसंपत्ति निर्माण और मजदूरों को मिले मजदूरी का समय पर भुगतान, पीडीएस की गांव में स्थिति का जायज़ा लिया। जंगलों, पगडंडियों, सड़क से तय इस सफर में कलेक्टर श्री एल्मा गांववालों से भी रुक रुक कर मिलते रहे और क्षेत्र की समस्यायों की जानकारी मांगते रहे।

…जब कलेक्टर पहुंचे रिसगांव के साप्ताहिक बाजार

रिसगांव में आज साप्ताहिक बाजार लगा था। बाजार देख कलेक्टर खुद भी हाट में पहुंच गये और इस दौरान बाजार में बिक रही सब्जियों, मनिहारी, कंद आदि की कीमत पूछी। बाजार में कमारों की बिक रही बांस के सूप और टोकरी को देख कलेक्टर कमारो के बीच पहुंचे और उनसे उनकी आय की जानकारी ली। कलेक्टर ने बाजार से कंद खरीदे और उसके स्वाद का आनंद भी लिया।

बाजार में भ्रमण के साथ ही उन्होंने हॉस्टल ,स्वास्थ्य केंद्र ,हायर सेकेन्डरी स्कूल का निरीक्षण किया और ग्रामीणों द्वारा करका मार्ग में पुल की मांग पर जगह का भी निरीक्षण किया, जहां गांव वालों ने रिसगांव मुख्यमार्ग में सडक, पुल और गांव में आंगनबाडी पेयजल के लिये नलजल कनेक्शन तथा करका मे नये स्कूल भवन की मांग की। कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि यथासंभव उनकी समस्याओं का हल किया जाएगा।

बाजार में नहीं पहचान पाये कलेक्टर को

आम नागरिक की तरह कलेक्टर एल्मा आज रिसगांव के सप्ताहिक बाजार में घूम रहे थे। मुनासिब है ग्रामीण उन्हें पहचान नहीं पाए। इस दौरान कलेक्टर एल्मा ने भी मजाक के लहजे से एक स्थानीय सब्जी व्यापारी पूछे कौन हूं मै? तो वो बोला देखे-देखे जईसे लगथे । इस पर कलेक्टर बस मुस्कुरा दिए।

बच्चों संग खेली क्रिकेट

वहीं मासुलखोई ग्राम के स्कूल ग्राउंड में क्रिकेट खेलते देख बच्चों के साथ खुद भी क्रिकेट में अपने हाथ आजमाए। इसके पीछे यह मंशा रही कि चाहे कितना भी उच्च पद पर चले जाएं जमीन से जुड़े रहें और खेल को हमेशा हार जीत के बजाए खेल भावना से खेलें।

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