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…फिर रबड़ी की तरह बांट दी स्वेच्छानुदान की राशि, RTI में खुलासा करीबी नेता, रिश्तेदार और पत्रकारों को विधायक ने किया स्वेच्छानुदान बांटकर किया उपकृत

श्रीकांत सिंह@nwnews24.com

मनेंद्रगढ़ 26 जुलाई 2023। पूरे कार्यकाल में चिरमिरी विधायक विनय जायसवाल अपने स्वेच्छानुदान की बंदरबांट की वजह से खासे चर्चा में रहे। कभी कांग्रेस नेता को, कभी किसी नेता के करीबी को, किसी रिश्तेदार को, यूथ कांग्रेस व NSUI नेता को… अब एक मामला विधायक विनय जायसवाल के स्वेच्छानुदान के बंदरबांट का सामने आया हा है। भाजपा नेता चंदन गुप्ता की RTI में खुलासा हुआ है कि विधायक ने रबड़ी की तरफ विधायक निधि की राशि बांट कर करीबियों को उपकृत करने का काम किया, जबकि कई जरूरतमंदों को खाली हाथ रहना पड़ गया।

भाजपा नेता चंदन गुप्ता ने आरटीआई के जरिये आरोप लगाया है कि इस बार विधायक ने अपने विधायक प्रतिनिधि की सास, निजी पीए, एल्डरमैन, कांग्रेस कार्यकर्ताओं, युवक कांग्रेस पदाधिकारियों, एनएसयूआई कार्यकर्ताओ, ट्रेड यूनियन नेताओ के पुत्र और पत्रकारो को फिर से स्वेच्छानुदान की राशि बांट दी है। भाजपा नेता चंदन गुप्ता ने आरटीआई से स्वेच्छानुदान की जानकारी निकालकर इसका खुलासा किया है। अब हितग्राहियों की सूची सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है।

करीबियों को बांटी अनुदान की राशि

विनय जायसवाल ने अपने विधायक प्रतिनिधि और चिरमिरी नगर निगम के पार्षद शिवांश जैन की सास आभा जैन को 5 हजार रुपये। पीए चंद्रभान बर्मन को 3 हजार रुपये। एल्डरमैन बलदेव दास की बेटी साक्षी दास को 20 हजार व एल्डरमैन प्रभाष राय को 3 हजार रुपये। एनएसयूआई जिला महासचिव शुभम सलूजा को 60 हजार रुपए। एनएसयूआई पूर्व ब्लाक अध्यक्ष निखिल यादव को 3 हजार व कांग्रेस से जुड़े जितेंद्र साव के परिजन को 20 हजार रुपये, मंजूर आलम को परिजन को 5 हजार रुपये, बिलाल अंसारी को 10 हजार रुपये बांट दिए। इसके अलावा क्षेत्र के बड़े ट्रेड यूनियन के बड़े नेता बजरंगी शाही के पुत्र प्रिंस शाही को 3 हजार रुपये व एसईसीएल से पेंशन प्राप्त कर्मी प्रदीप प्रधान को 20 हजार रुपए स्वेच्छानुदान का दिया गया है।

यही नहीं कई पत्रकारों और उनके रिश्तेदारों को भी स्वेच्छा अनुदान की राशि बांटी गयी है। फिलहाज चुनावी वक्त में स्वेच्छा अनुदान की राशि का इस तरह से बंटाधार किया जाना बेशक विधायक जी को फील गुड करा रहा हो, लेकिन भाजपा इसे बड़ा मुद्दा बना सकती है। ऐसे में भी विनय जायसवाल काफी वक्त से भाजपा के निशाने पर हैं, ऐसे में चुनावी वक्त में अनुदान राशि बांटना कहीं विधायक विनय जायसवाल की मुश्किलें ना बढ़ा दे।

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