हेडलाइन

शिक्षक प्रमोशन में एक और घोटाला : तबादला के बाद भी वरिष्ठता नहीं की कम, पूर्व सेवा के आधार पर ही सीनियरिटी मान, दे दिया प्रमोशन

रायपुर 24 जुलाई 2023। शिक्षकों की पोस्टिंग में संशोधन में ही सिर्फ खेला नहीं हुआ है, बल्कि प्रमोशन में भी जबरदस्त खेल हुआ है। तबादले के बाद नियम तो यही है कि आपकी ट्रांसफर पूर्व की सीनियरिटी खत्म हो जायेगी, लेकिन नियमों को ठेंगा दिखाकर ट्रांसफर के बाद भी पूर्व की सेवा गणना करते हुए ना सिर्फ कई शिक्षकों की सीनियरिटी बरकरार रखी गयी, बल्कि उन्हें प्रमोशन भी दे दिया गया। अब इस मामले में संयुक्त संचालक को शिकायत की गयी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर जेडी कार्यालय में शून्य बटे सन्नाटा दिख रहा है।

प्रमोशन के नाम पर ये गड़बडझाला तब सामने आया है, जब प्रदेश के 25 हजार से ज्यादा शिक्षक तबादला की वजह से ना सिर्फ अपनी सीनिरिटी गंवा चुके हैं, बल्कि प्रमोशन से वंचित हैं। हजारों शिक्षक डीपीआई से लेकर जेडी कार्यालय तक दौड़ लगाते रह गये और भीतर ही भीतरह अफसरों ने खेला कर दिया। इस मामले में महेंद्र कुमार नाग नाम के सहायक शिक्षक ने 9 जून को ही शिकायत की थी, लेकिन डेढ़ महीने बाद भी संयुक्त संचालक कार्यालय ने मामले में चुप्पी साध रखी है।

शिकायत के मुताबिक महासमुंद की रश्मिता प्रधान का साल 2010 में पति-पत्नी प्रकरण में तबादला हुआ था। उनका तबादला बसना से पिथौरा किया गया था। वहीं एक अन्य शिक्षिका दयमंती पटेल का भी तबादला 2010 में पति-पत्नी आधार पर सरायपाली से पिथौरा हुआ था। इस तबादले के बाद उनकी पूर्व का सेवा अनुभव शून्य हो गया है, जबकि जिस तारीख से वो नये विकासखंड में ज्वाइन करती, उस तारीख से उनकी सेवा अवधि की गणना होती। लेकिन प्रमोशन में सामान्य प्रशासन विभाग के उस आदेश को ठेंगा दिखाकर दोनों महिला शिक्षिका को पदोन्नति दे दी गयी। कमाल की बात ये है कि प्रमोशन के बाद दोनों शिक्षिका ने नये जगह पर ज्वाइनिंग भी ले ली।

नियम के मुताबिक शिक्षिका रश्मिता प्रधान की सेवा गणना 27 जुलाई 2021 और दयमंती पटेल दोनों की सेवा गणना 2 जुलाई 2010 के बाद से होनी थी, लेकिन दोनों की सेवा गणना को 2008 से तय कर दी गयी। रश्मिता प्रधान की सेवा गणना वरिष्ठता सूची तैयार करने में 4 जुलाई 2008 और दयमंती पटेल की सेवा गणना 8 जुलाई 2008 के आधार पर कर दी गयी और फिर UDT के पद पर प्रमोशन दे दी गयी है।

नियमों को इसलिए ताक पर रख दिया गया, ताकि कुछ चुनिंदा शिक्षक-शिक्षकाओं को फायदा पहुंचाया जा सके। महासमुंद में सहायक शिक्षकों का प्रमोशन 28 अगस्त 2008 के पूर्व की सेवा गणना के आधार पर ही हुआ है। अगर तबादला के बाद दोनों शिक्षिकाओं की सेवा गणना मानी जाती, तो दोनों प्रमोशन की रेस से बाहर थे, लेकिन दोनों की सेवा गणना जुलाई 2008 से मानकर उन्हें वरिष्ठता सूची में शामिल किया गया और फिर पदोन्नति दे दी गयी।

इस प्रमोशन को लेकर सहायक शिक्षक महेंद्र कुमार नाग ने 9 जून को ही संयुक्त संचालक कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज करायी थी, लेकिन अभी तक उन शिकायतों पर गौर नहीं किया गया है। आपको बता दें कि प्रदेश में सहायक शिक्षकों के प्रमोशन पर सवालिया निशान लगा हुआ है। प्रमोशन के बाद पोस्टिंग संशोधन के मामले में संयुक्त संचालक एसके प्रसाद को राज्य सरकार ने निलंबित भी किया है। वहीं रायपुर संभाग सहित अन्य संभागों में भी जांच चल रही है। ऐसे में रायपुर संभाग के महासमुंद में शिक्षक प्रमोशन में आये इस नये तरह के घोटाले ने अधिकारियों की मंशा पर सवाल खड़े कर दिये हैं।

Back to top button