टॉप स्टोरीज़

क्या आपको पता है नरक चतुर्दशी को क्यों कहते हैं छोटी दिवाली….

रायपुर 11 नवंबर 2023 दिवाली का पर्व 5 दिनों तक चलता है और धनतेरस से इस पर्व की शुरुआत होती है. धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी का त्योहार आता है जिसे छोटी दिवाली और रुप चौदस भी कहा जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है और मान्यता है कि यह पूजा मृत्यु के बाद नरक में जाने से बचने का उपाय है. धनतेरस के अगले दिन ही नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली मनाई जाती है जो कि इस साल 11 नवंबर 2023 को है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली क्यों कहते हैं और यह पर्व क्यों मनाया जाता है?

छोटी दिवाली का महत्व
छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है मान्‍यता है कि इस दिन यम की पूजा करने से अकाल मृत्‍यु का खतरा टल जाता है. कहते हैं कि इस दिन सुबह-सवेरे स्‍नान करने के बाद भगवान कृष्‍ण की पूजा करने से रूप सौंदर्य की प्राप्‍ति होती है. ऐसी भी मान्‍यता है कि राम भक्‍त हनुमान ने माता अंजना के गर्भ से इसी दिन जन्‍म लिया था. इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है.

छोटी दीपावली और नरक चतुर्दशी
धनतेरस के एक दिन बाद और दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुदर्शी और छोटी दिवाली मनाई जाती है. हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार नरक चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आती है. नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह दिवाली से एक दिन पहले आती है और इस दिन भी घरों में दीपक जलाए जाते हैं. इस साल छोटी दिवाली 11 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी. हालांकि, नरक चतुर्दशी के दिन अभ्यंग स्नान करने का शुभ समय 12 नवंबर को सुबह 4 बजे है.

नरक चतुर्दशी या फिर यम चतुर्दशी और रुप चतुर्दशी या रुप चौदस इसे कई तरह के नामों से जानते हैं. ये पर्व नरक चौदस और नरक पूजा के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन लोग इसे छोटी दिवाली के तौर पर मनाते हैं, इस दिन यमराज की पूजा करते हैं और साथ ही व्रत रखते हैं. इस दिन पूजा करने से नरक जानें से आपको मुक्ति मिलती है.

Back to top button