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सियासी मंथन : सरगुजा के “रण” में DY CM का “प्रण”…..अपनों से नाराजगी चुनावी समर में कितना पड़ेगा पार्टी पर भारी !

रायपुर 29 अगस्त 2023। छत्तीसगढ़ में चुनावी साल में राजनीतिक पार्टियां भले ही एक जुटता की राग अलाप रही हो,लेकिन अंदर खाने में सब कुछ ठीक नही चल रहा। एक दिन पहले ही सूबे के डिप्टी सीएम टी.एस.सिंहदेव ने बलरामपुर जिला में सार्वजनिक मंच से जिस तरह से अपने ही पार्टी के विधायकों से समझौता नही होने की बात कह दी। वह एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हैं, जिसकी चर्चा न केवल कांग्रेस बल्कि बीजेपी के साथ ही दूसरी राजनीतिक पार्टियां भी अब कर रही है। टी.एस.सिंहदेव के इस बयान के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि क्या सरगुजा के “रण” में टी.एस.बाबा का समझौता न करने का “प्रण” पार्टी पर भारी पड़ जायेगा ? या फिर कांग्रेस इस नाराजगी का समय रहते कोई रास्ता निकाल लेगी।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक पार्टियां चुनावी बिसात बिछाकर एक-एक सीट में अपने मोहरे तैनात करने में जुट गयी है। प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस और बीजेपी मौजूदा वक्त में ईडी को लेकर एक-दूसरे पर भले ही हमलावर बने हुए है। लेकिन दोनों ही पार्टियों में टिकट के बंटवारे को लेकर अंतर्कलह व्याप्त है। बीजेपी ने छत्तीसगढ़ की 21 सीटों पर टिकटों की घोषणा कर भले ही चुनावी बिसात में अपनी पहली चाल चल दी है, लेकिन इन टिकटों की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर बनी हुई है। पीसीसी चीफ दीपक बैज लगातार बीजेपी के टिकट वितरण को लेकर पार्टी में घमासान और अंतर्कलह का आरोप लगाते रहे है।

लेकिन इसी राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच सोमवार को सूबे के डिप्टी सीएम टी.एस.सिंहदेव के सार्वजनिक मंच से दिये बयान ने अब पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। बलरामपुर जिला के राजपुर में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम में टी.एस.सिंहदेव ने कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंग और चिंतामणी का नाम लिये बगैर उनसे समझौता नही हो पाने की बात कह दी। शांत और सरल स्वभाव की छवि वाले टी.एस.सिंहदेव के इस तल्ख तेवर को देखकर समझा जा सकता है कि दोनों विधायकों से नाराजगी अभी भी उनके दिलों-दिमाग में घर किये हुए है। वहीं बलरामपुर जिला में कांग्रेस के सिटिंग एमएलए चिंतामणी महाराज और बृहस्पति सिंग से क्षेत्रीय जनता भी खासी नाराज है।

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि साल 2023 के विधानसभा चुनाव में आखिर सरगुजा संभाग की 14 सीटों का परिणाम क्या होगा ? टी.एस.सिंहदेव ने इस मामले पर भी अपना जवाब दिया है। मीडिया से चर्चा में टी.एस.सिंहदेव ने साफ किया कि मीडिया में आ रहे सर्वे में बीजेपी और कांग्रेस को 7-7 सीट मिल रही है। लेकिन उन्होने काफी बुरी स्थिति होने पर भी कम से कम 5 और अधिकतम 11 सीट पर कांग्रेस की जीत का दावा किया है। डिप्टी सीएम के इस बयान पर भी सबसे बड़ा सवाल यहीं हैं कि अगर कांग्रेस 11 सीट जीतती भी है, तो वो 3 सीट कौन सी होगी, जहां से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ सकता है ? क्या वो सीट बलरामपुर जिला की होगी, जहां के दोनों विधायकों से टी.एस.बाबा का बिल्कुल भी नही जम रहा ?

खैर चुनाव में अभी ढाई महीने का वक्त शेष बचा है। लेकिन टी.एस.सिंहदेव की इस नाराजगी ने कांग्रेस के माथे पर चिंता की लकीरे जरूर खींच दी है। ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यहीं हैं कि सरगुजा संभाग की 14 सीटों पर जीत का ताज पहनने वाली कांग्रेस अपनी सीटों को बचाने के लिए कौन सी रणनीति अपनायेगी, ताकि पार्टी में सीनियर लीडर्स की नाराजगी भी खत्म हो जाये और पार्टी में बगावत भी न हो। कांग्रेस सितंबर माह के पहले सप्ताह में अपनी पहली लिस्ट जारी करने वाली है, वही बीजेपी आगामी एक से दो दिन में अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर देगी। ऐसे में देखने वाली बात होगी दोनों ही पार्टियां जनता और पार्टी के अनुरूप टिकट बंटवारे में कितना कामयाब हो पाती है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

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