हेडलाइन

ब्रेकिंग : ज्ञानवापी में बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था , ASI रिपोर्ट के आधार पर किया दावा…

वाराणसी 25 जनवरी2024| ज्ञानवापी में हुए एएसआई सर्वे की 839 पेज की रिपोर्ट सामने आ गई है। जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट की कॉपी हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन को मिल गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि ज्ञानवापी परिसर में प्राचीन मंदिर के खंभों की पुष्टि हुई है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने ASI रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, “ASI ने कहा है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। यह ASI का निर्णायक निष्कर्ष है…”

839 पेज की रिपोर्ट में एएसआई की सर्वे रिपोर्ट में ये पाया गया है कि मस्जिद से पहले वहां हिन्दू मंदिर था, जो तोड़कर मस्जिद बनाई गई। एएसआई ने ये पाया है कि हिन्दू मंदिर का स्ट्रक्चर 17वीं शताब्दी में तोड़ा गया है और मस्जिद बनाने में मलबे का उपयोग किया गया है। दो तहखानों में हिन्दू देवी-देवताओं का मलबा मिला है। एएसआई की रिपोर्ट में ये पाया गया है कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार एक हिन्दू मंदिर का भाग है। पत्थर पर फारसी में मंदिर तोड़ने में आदेश और तारीख मिली है। महामुक्ति मंडप लिखा पत्थर भी मिला है। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वजू खाने के सर्वे के लिए मांग करेंगे।

विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि एएसआई की रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानवापी में 32 ऐसी जगह हैं जहां प्राचीन मंदिर के खम्भों को यूज़ किया गया है। यह प्राचीन मंदिर के हिस्से थे। साथ ही तहखाना S -2 में हिन्दू देवी देवताओं के स्ट्रक्चर मिले हैं। सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद से पहले यहाँ मंदिर था, मंदिर को 17 वीं शताब्दी में तोड़ा गया था। एएसआई को देवनागरी, तेलगु और कन्नडा इंस्क्रिप्शन्स मिले हैं। 

जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर देवताओं के नाम मिले

विष्णु शंकर जैन ने कहा,” ASI ने कहा है कि वहां पर कई शिलालेख है जहां पर पहले से मौजूद हिंदू मंदिर  के थे। जो पहले हिंदू मंदिर था उसके शिलालेख को पुन: उपयोग कर ये मस्जिद बनाया गया। शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर जैसे देवताओं के तीन नाम मिलते हैं।’

जिला अदालत के पिछले साल 21 जुलाई के आदेश के बाद एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं। हिंदू याचिकाकर्ताओं के यह दावा करने के बाद कि 17वीं सदी की मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर किया गया था, अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया था। एएसआई ने 18 दिसंबर को सीलबंद लिफाफे में अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट जिला अदालत को सौंपी थी। 

Back to top button