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ब्रेकिंग : निष्क्रिय प्रदेश प्रभारियों की कांग्रेस करेगी छुट्टी… राष्ट्रीय अध्यक्ष की दो टूक… “जो नहीं निभा सकते जिम्मेदारी, वो दूसरे के लिए जगह खाली करें”

रायपुर 4 दिसंबर 2022। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद आज मल्लिकार्जुन खरगे ने स्टीयरिंग कमेटी की बैठक ली। बैठक में कांग्रेस शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में कई अहम फैसले भी लिये गये। फरवरी में कांग्रेस का पूर्ण अधिवेशन रायपुर में होगा, वहीं हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की भी शुरुआत होगी।

अपने संबोधन में इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने सभी महासचिवों और प्रभारियों से पूछा कि जमीनी स्तर पर क्या-क्या बदलाव किए गए हैं। उन्होंने पूछा- क्या महासचिव और प्रभारी, पदाधिकारी अपने जिम्मेदारी वाले प्रांतों में महीने में कम से कम 10 दिन दौरा करते हैं? क्या आपने हर जिला, इकाई पर जाकर पार्टी के नेताओं से चर्चा की है, क्या स्थानीय समस्याएं जानी हैं?

क्या सभी जिला कांग्रेस व ब्लॉक कांग्रेस कमिटी का गठन हो चुका है? क्या आपकी संगठन जमीनी हकीकत के मुताबिक लोगों के लिए संघर्ष कर रही हैं? क्या ब्लॉक व जिला स्तर पर ज्यादा से ज्यादा नए चेहरों को मौका दिया गया है? कितनी इकाईयां ऐसी हैं, जहां जिला व ब्लॉक, पांच साल से नहीं बदले गए? 

खरगे ने पदाधिकारों से पूछा कि आपके प्रदेश में, जिसके आप प्रभारी हैं, अगले 30 दिन से 90 दिन के बीच में संगठन व जनहित के मुद्दों पर आंदोलन के लिए क्या रूपरेखा है? जिन प्रांतों में आज से साल 2024 के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां चुनाव तक क्या प्लानिंग और एक्टिविटी शेड्यूल है।कांग्रेस अध्यक्ष ने सख्त लहजे में कहा कि कुछ साथियों ने यह मान लिया है कि जिम्मेदारी निभाने में कमी को नजरंदाज कर दिया जाएगा। यह न तो ठीक है और न ही मंजूर किया जा सकता, जो लोग जिम्मेदारी निभाने में असक्षम हैं, उन्हें नए साथियों को मौका देना पड़ेगा।

समिति ने गंभीर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की जिनका भारत लगातार सामना कर रहा है। ये चुनौतियां हर दिन तेज होती जा रही हैं। करोड़ों लोग बढ़ती कीमतों (लगभग 7% की दर से बढ़ रही है) और रिकॉर्ड बेरोजगारी (8%) से जूझ रहे हैं, भले ही सरकार कुछ चुनिंदा हाथों में देश की संपत्ति की एकाग्रता की अनुमति देती है। हर गुजरते साल के साथ आर्थिक विकास में गिरावट जारी है। संवैधानिक संस्थाओं का जानबूझकर विध्वंस और उन पर हमला जारी है। न्यायपालिका को गैर-वैध करने और कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच टकराव पैदा करने के लिए पूर्व-चिंतित प्रयास विशेष रूप से खतरनाक है। सरकार सीमा पर चीनी घुसपैठ और एलएसी पर यथास्थिति में बदलाव पर अपनी चुप्पी जारी रखे हुए है, यहां तक ​​कि विश्वसनीय रिपोर्ट चीनी सैनिकों और हथियारों की बढ़ती तैनाती का संकेत दे रही है।

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