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CG NEWS : बाल आश्रम में नाबालिग से रेप नहीं गैंगरेप ! मृत बच्चे का DNA आरोपी से नही हुआ मैच, मंत्री बोली फिर से होगी पूरे घटना की जांच…

रायपुर 6 नवंबर 2022। राजधानी रायपुर के माना SOS बाल आश्रम में बच्ची से रेप के मामले में नया मोड़ आ गया हैं। रेप के बाद बच्चीं ने जिस मृत बच्चें को जन्म दिया था, उसका DNA जेल में रेप के आरोप में जेल में बंद आरोपी के DNA से मेच नही हुआ हैं। रिपोर्ट में हुए इस खुलासे के बाद अब बच्चीं के साथ एक से अधिक लोगों द्वारा गैंगरेप किये जाने का अनुमान हैं। इस पूरे घटनाक्रम पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया पूरे घटना की फिर से जांच कराने की बात कही हैं। उन्होने आरोप भी लगाया हैं कि उन्हे इस घटना की जानकारी तक नही दी गयी।

गौरतलब हैं कि रायपुर के माना एसओएस बाल आश्रम में नाबालिग बच्ची से रेप का मामला उजागर हुआ था। इस केस में बीते साल नवंबर में एफआईआर तब दर्ज हुई जब बच्ची गर्भवती हो गई। जून के महीने में उसका रेप हुआ था। आरोप बाल आश्रम में ही काम करने वाले अंजनी शुक्ला नाम के कर्मचारी पर लगा। अंजनी फिलहाल जेल में है। ये केस अब तक बाल आश्रम से जुड़े अफसरों ने दबाकर रखा था। अब इस केस में नया मोड़ आया है। मेडिकल रिपोर्ट में आरोपी और मृत शिशु का डीएनए मैच नही होने के बाद अब बच्ची से गैंगरेप किए जाने की आशंका है। दूसरी तरफ अफसरों ने न सिर्फ इस पूरे कांड की फाइल को दबा दिया, बल्कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए महिला-बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया को भी इस केस की कानों-कान खबर नहीं लगने दी।

अब मीडिया के जरिये ये मामला जब सामने आया हैं, तो मंत्री अनिला भेड़िया का भी गुस्सा सामने आया हैं। इस मामले में मंत्री अनिला भेंडिया ने अपने दिए बयान में कहा है कि उन्हें भी इस केस की कोई जानकारी नही थी। खबरों के जरिए ही उन्हे इसका पता चला है। इसमें लड़की ने जिसे आरोपी बताया पुलिस ने उसे पकड़ा है। इस केस की फिर से पूरी तरह से जांच कराएंगे,जो भी जिम्मेदार और दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। मामले में अफसरों की भूमिका पर भी मंत्री ने कहा कि जांच में अफसरों की गड़बड़ी के तथ्य मिलेंगे तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।

मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि बड़ी गलती हुई है, बच्ची के साथ जो हुआ गंभीर मामला है। बाल आश्रम चलाने वाली संस्था भी बर्खास्त करने लायक है। तथ्य सामने आने के बाद संस्था के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे। वही इस पूरे केस में ना केवल बाल आश्रम प्रबंधन बल्कि पुलिस की जांच भी संदेह के दायरे में हैं। बताया जा रहा हैं कि जिस बच्ची का रेप हुआ,उसकी देखभाल करने वाली हाउस मदर आया’ को कांड के फौरन बाद दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया। मामले में उस महिला का बयान तक दर्ज नहीं लिया गया। ऐेसे में इस पूरे घटना में बाल आश्रम प्रबंधन के जवाबदार लोगों के साथ ही पुलिस की लचर जांच प्रणाली भी हैं।

जिसने बच्चीं के साथ हुए दुष्कर्म और फिर बच्चीं के प्रेग्नेंट होने के मामले को काफी हल्के में लिया। अगर बच्चीं का सही तरीके से काउंसलिंग कराया गया होता, तो शायद इस पूरे घटनाक्रम की हकीकत पहले ही सामने आ गयी होती। लेकिन ऐसा हो नही सका, ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि पुलिस क्या समय रहते इस मामले की बारीकी से तफ्तीश कर घटना में शामिल मुख्य गुनहगारों को सलाखों के पीछे पहुंचा पाती है, या फिर एक बार फिर बाल आश्रम के जवाबदार लोग इस मामले पर पर्दा डालने में कामयाब हो जायेंगें ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

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