CG- मुर्दाबाद-मुर्दाबाद के नारों के बीच धू-धू कर जलता रहा सांसद-विधायकों का पुतला…..पुलिस सोती रह गयी…..प्रदर्शन की भनक तक नहीं लगी पुलिस को….
कोरबा 7 फरवरी 2022 । कोरबा जिला में शामिल कटघोरा को जिला बनाये जाने की मांग को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी अब उग्र प्रदर्शन करने पर उतारू है। कुछ ऐसा ही नजारा सोमवार को दोपहर नजर आया जब गोंगपा के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा अध्यक्ष सहित सांसद ज्योत्सना महंत और क्षेत्रीय विधायकों का शव यात्रा निकाला गया, हद तो तब हो गयी जब कटघोरा थाना से महज 200 मीटर की दूरी पर बीच चौराहे में आंदोलकारियों ने कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों का पुतला दहन कर दिया और पुलिस को भनक तक नही लगी।
गौरतलब है कि कटघोरा को जिला बनाये जाने की मांग पिछले लंबे समय से कटघोरा के जनप्रतिनिध और स्थानीय प्रबुंद्ध लोग उठाते आ रहे है। स्थानीय लोगों के साथ ही राजनीतिक राजनीतिक दलो को इस 26 जनवरी में मुख्यमंत्री के अभिभाषण में कटघोरा को जिला बनाने की घोषण किये जाने की उम्मींद थी। लेकिन 26 जनवरी की घोषणा में कटघोरा के लोगों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी। लिहाजा स्थानीय कांग्रेस विधायक पुरषोत्तम कंवर सहित तानाखार विधायक मोहित राम केरकेटटा के आश्वासनो पर भी परिणाम नही आने पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने एक सप्ताह पूर्व ही प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर उचित जवाब नही मिलने पर सरकार का विरोध प्रदर्शन कर पुतला दहन करने की चेतावनी दिया गया था।
आज सोमवार को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बैनर तले पार्टी कार्यकर्ताओं ने विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत, स्थानीय विधायक पुरषोत्तम कंवर और मोहितराम केरकेटटा का शवयात्रा निकाला गया। कटघोरा बस स्टैंड से सरेराह सभी कांग्रेस नेताओं का शव यात्रा निकालने के बाद दिनदहाड़े बीच चौराहे पर गोंगपा के कार्यकर्ताओं ने पुतला दहन कर कटघोरा को जिला बनाने की मांग को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन किया गया। इस पूरे विरोध प्रदर्शन में गौर करने वाली बात ये रही कि शव यात्रा निकलने से लेकर पुतला दहन होने तक की जानकारी कटघोरा पुलिस को नही हो सकी।
थाने से महज 200 मीटर की दूरी पर पुतला दहन के दौरान भी पुलिस आंदोलकारियों को रोकने नही पहुंची। जिस बात को लेकर पूरे शहर में पुलिस के सूचना तंत्र पर सवाल उठ रहा है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस की सरकार में उन्ही के नेताओं का पुतला फूूकने वालों और पुतला दहन को रोकने तक नही पहुंचने वाले जवाबदार पुलिस अधिकारियों पर क्या कोई एक्शन लिया जायेगा, या फिर सारे मामले को रात गई, बात गई के तर्ज पर ठंडे बस्ते में डाल दिया जायेगा, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।