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CG NEWS- स्कूल शिक्षा, पुलिस, रेलवे सहित इन सरकारी कार्यालयों का 1340 करोड़ से ज्यादा बिजली बिल बकाया… CM ने दी जानकारी, देखिये पूरी लिस्ट

रायपुर 2 जनवरी 2023। छत्तीसगढ़ में कई सरकारी दफ्तरों का करोड़ों रूपये बिजली बिल बकाया है। विधानसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि शासकीय विभागों पर छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कपनी लिमिडेट का कुल बकाया राशि रूपये 1,260 करोड़ 62 लाख 92 हजार है, वहीं केन्द्रीय सरकार के विभिन्न शासकीय विभागों पर कुल बकाया राशि रूपये 79 करोड़ 81 लाख 31 हजार है। विधायक अरुण वोरा ने विधानसभा में पूछा कि 31 अक्टूबर, 2022 की स्थिति में किन-किन विभागों पर सीएसपीडीसीएल के बिजली बिल भुगतान की कुल कितनी राशि बकाया है।

जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि 31 अक्टूबर, 2022 की स्थिति में छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न शासकीय विभागों पर छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कपनी लिमिडेट का कुल 1,260 करोड़ 62 लाख 92 हजार है एवं केन्द्रीय सरकार के विभिन्न शासकीय विभागों पर 79 करोड़ 81 लाख 31 हजार बकाया है। जवाब में मुख्यमंत्री ने ये भी बताया कि 3 वर्षों में तेलंगाना राज्य ने छत्तीसगढ़ से कुल राशि रूपये 3,221 करोड 99 लाख की बिजली खरीदी है।

वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह ने एक अन्य सवाल में पूछा कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के बिजली बिल में कितने तरह के चार्जेस लगते हैं और अभी फिक्सड, वेरिबेत एवं सुरक्षा निधि हेतु प्रति यूनिट कितनी दर निर्धारित की गई है। जवाब में मुख्यममंत्री ने बताया कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के बिजली बिल में नियत / मांग प्रभार, ऊर्जा प्रभार, विदयुत शुल्क, ऊर्जा विकास उपकर, व्ही.सी.ए. (वेरियेबल कास्ट एडजस्टमेंट) और मीटर किराया (निम्नदाब घरेलू उपभोक्ताओं को छोड़कर) उक्त के अतिरिक्त युक्तियुक्त कारणों से संबंधित श्रेणी के उपभोक्ताओं पर निम्न प्रकार के चार्जेस लगाये जाते है।

मुख्यमंत्री ने ये भी बताया कि बिजली बिल में अतिरिक्त सुरक्षा निधि की मांग के कारण माह अक्टूबर-2022 के विदयुत देयक जो कि माह नवम्बर 2022 में जारी हुए है, में सिर्फ उन उपभोक्ताओं के बिल में बढ़ोत्तरी हुई है, जिनकी पिछले वर्ष की औसत विदयुत खपत में वृद्धि हुई है। बिजली बिलों में एक समान प्रतिशत वृद्धि नहीं हुई है जिन उपभोक्ताओं की औसत खपत बढ़ी है उसी के अनुरूप अलग-अलग वृद्धि हुई है। वहीं 12 माह के दौरान उपभोक्ता की वार्षिक खपत के आधार पर अतिरिक्त सुरक्षा निधि की प्रत्येक वर्ष में सिर्फ एक बार अक्टूबर माह में समीक्षा की जाती है।

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