क्राइम

CG NEWS : बाल आश्रम में 14 साल की किशोरी से रेप- जवाबदार अधिकारी मामला दबाने में जुटे रहे,नाबालिग ने मृत बच्चें को दिया जन्म….मचा हड़कंप, अब पुलिस ने शुरू की जांच

रायपुर 2 नवंबर 2022। राजधानी रायपुर के एक बाल आश्रम में 14 साल की मासूम बच्चीं के साथ उसी संस्था के कर्मचारी द्वारा दुष्कर्म कर प्रेग्नेंट कर दिया गया। घटना की जानकारी होने के बाद भी जवाबदार लोगों ने इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की जाती रही। गर्भवती नाबालिग के मृत बच्चें के जन्म देने के बाद भी इस मामले को दबाने की कोशिश की जाती रही। अब जब ये मामला सामने आया है, तो पुलिस पूरे घटना की बारीकी से तफ्तीश कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का मन बना रही हैं।

पूरा घटनाक्रम रायपुर के माना स्थित एसओएस बाल आश्रम का है। माना थाने में इस केस पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। इस केस के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर सौमित्री भोई ने पुष्टि करते हुए बताया हैं कि माना बाल आश्रम में 14 साल की बच्ची से रेप की शिकायत मिली थी। मामला संवेदनशील था। बाल आश्रम के अफसरों की तरफ से बताया गया था कि घटना 2021 के जून महीने में ये घटना हुई थी। नवंबर के महीने में संस्था ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। बच्ची गर्भवती हो चुकी थी।

बाल आश्रम में नाबालिग के साथ रेप करने वााला कोई बाहरी नही बल्कि वहीं का कर्मचारी अंजनी शुक्ला था, जिसने इस घिनौनी घटना को अंजाम दिया। आरोपी ने बच्ची को झांसे में लेकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद बच्ची प्रेग्नेंट हो गई थी। बाल आश्रम में हुए इस घटना की जानकारी के बाद भी जवाबदार अफसरों ने इस मामले को दबाए रखा। छोटी बच्ची गर्भावस्था की पीड़ा को झेलती रही। शिकायत के बाद पुलिस ने अंजनी को अरेस्ट कर लिया था।

आपको बता दे कि बाल आश्रम में बच्ची के साथ रेप और फिर उसके प्रेगनेंट होने की खबर को अफसरों ने लीक नहीं होने दी। अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में इस केस को दबाया जाता रहा। अफसरों ने कुछ बड़े अफसरों से भी इस मामले पर पर्दा डालने के लिए सेटिंग किये। वरना इतनी बड़ी घटना उजागर हो जाती। यहीं वजह हैं कि आश्रम के किसी भी अफसर या जिम्मेदारों पर इस मामले में कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई। सभी अफसर अपने पदों पर बने हुए हैं। किसी के खिलाफ कोई जांच तक का आदेश नहीं हुआ।

माना में स्थित बाल आश्रम जिला प्रशासन और एसओएस नाम की इंटरनेशनल संस्था चलाती है। यहां 128 बेसहारा बच्चे रहते हैं। इनकी देख रेख का जिम्मा संस्था पर ही होता है। बच्चों की देखरेख के लिए बकायदा इसे सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं से मदद मिलती है। बच्चों को यहां सुरक्षित रखने के लिए इसे बनाया गया है, मगर यहां बच्ची के साथ रेप की वारदात ने बाल आश्रम में बच्चों की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया हैं। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि बच्ची के साथ रेप और फिर उसके गर्भवती होने के इस गंभीर प्रकरण पर माना पुलिस जांच के बाद किस किस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करती हैं, ये तो पुलिस की जांच के बाद भी साफ हो पायेगा।

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