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खाद पर घमासान : केंद्रीय मंत्री बोले – केंद्र ने जरूरत की खाद दी है, छत्तीसगढ़ सरकार राजनीति कर रही…. जवाब में कांग्रेस बोली- अब खाद की याद आई, जब धान खरीदी की तिथि घोषित हो गई

रायपुर 25 सितंबर 2022। छत्तीसगढ़ में किसान एक ऐसा मुद्दा है जिस पर राजनीति जमकर होती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार पर कई बार ये आरोप लगाया कि खाद की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। खाद नहीं मिलने से किसान काफी परेशान हो रहे हैं। हालांकि उस वक्त तो केंद्र की तरफ से किसी ने जवाब नहीं दिया, लेकिन रविवार को रायपुर पहुंचे केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खूबा ने छत्तीसगढ़ सरकार को ये नसीहत दे दी, कि राज्य सरकार कम से कम किसानों के मामले पर राजनीति न करे। केंद्र की ओर से किसी को भी एक बोरी खाद की कमी नहीं होने दी जा रही है। राज्य की मांग के अनुसार यथा समय खाद की आपूर्ति कर दी गई। इधर केंद्रीय मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस ने कहा है कि केंद्रीय रासायनिक एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा को अब खाद की याद आई जब छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की तिथि घोषित हो गई है। प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि केंद्रीय उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा को बताना चाहिए खाद आपूर्ति कि शेड्यूल जारी होने के बाद निर्धारित समय में तय खाद क्यों नहीं दिया गया?

केंद्रीय मंत्री ने बताये आंकड़े

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर आयोजित सेवा पखवाड़े के दौरान पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर आयोजित भाजपा के विशिष्ट आयोजन में भागीदारी करने आये केंद्रीय राज्यमंत्री भगवंत खूबा ने कहा कि विश्व में विभिन्न कारणों से खाद की कीमत 5 गुना बढ़ गई है। परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सब्सिडी ढाई लाख करोड़ रुपए कर दी है। ताकि किसानों को परेशानी न हो। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार जो राजनीति कर रही है, वह ठीक नहीं है। केंद्र सरकार किसानों के हक में अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही है लेकिन राज्य सरकार को राजनीति से फुर्सत नहीं है। वह किसानों के मुद्दे को राजनीति करने की बजाय अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाये।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर तेलीबांधा स्थित प्रतिमा पर केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन राज्य मंत्री भगवंत खूबा ने माल्यार्पण कर कहा कि देश के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक शासन की सारी योजनाओं का लाभ पहुंचे, यह अंत्योदय का सिद्धांत है। और, इसी सिद्धांत का अनुसरण करते हुए संपूर्ण भारतीय जनता पार्टी और हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनहित की योजनाएं तैयार की हैं। पंडित दीनदयाल जी के दिखाए मार्ग पर चलकर ही आज भारत का नाम विश्व में सम्मान के साथ लिया जा रहा है।

अब खाद की याद आई जब छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की तिथि घोषित हो गई

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा को रसायनिक खाद की कमी के विषय में झूठ फरेब और जुमला सुनाने के बजाय, बताये राज्य सरकार के द्वारा चालू खरीफ वर्ष के लिए मांगी गई 5 लाख 50 हजार टन रासायनिक खाद में मोदी सरकार कटौती क्यों किया ? 5 लाख 30 हजार टन रासायनिक खाद देने की सहमति दी और खाद सप्लाई का शेड्यूल जारी करने के बाद तय समय मे खाद की आपूर्ति क्यो नही की गई? छत्तीसगढ़ में खाद लाने के लिए रेल मंत्रालय ने समय पर रेक क्यों नहीं दिया? किस-किस महीने में कितना-कितना खाद छत्तीसगढ़ को मिलेगा। ये शेड्यूल जारी के बाद भी केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय में रसायनिक खादो की आपूर्ति क्यो नही किया? जिसके चलते प्रदेश के किसानों को धान की बुवाई के समय खाद नहीं मिल पाया। छत्तीसगढ़ ही नहीं भाजपा शासित राज्यों में भी खाद की कमी देखी गई है पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में तो रसायनिक खाद मांग रहे किसानों के ऊपर लाठीचार्ज तक की घटनाएं हुई है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि धान बुवाई के समय खाद की कमी देशभर में थी उस दौरान मोदी सरकार के किसी भी मंत्री में साहस नहीं था कि वह किसानों के बीच जाए और यह कहे कि किसी प्रकार से खाद की कमी नहीं है आज जब प्रदेश में धान कटाई का समय आ रहा है और धान खरीदी की तिथि घोषित हो गई। तब रसायनिक एवं उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खूबा किसानों को समय में रसायनिक खाद देने में नाकाम मोदी सरकार की किसान विरोधी चरित्र और नीति पर पर्दा करने सफाई देने आए हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों को धान के कीमत वादा अनुसार 2500 रु प्रति क्विंटल दे रही है जिसके चलते प्रदेश में धान उत्पादन करने वाले किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है पहले 10 से 12 लाख किसान ही धान बेचने पंजीयन कराते थे अब वो संख्या 25 लाख से ऊपर हैं और धान की पैदावार भी पहले की 25 लाख हेक्टर से बढ़कर 30 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में रसायनिक खादों की मांग पूर्व की रमन सरकार के दौरान की मांग से ज्यादा है।

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