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CG- SECL के अफसरों पर भड़के कलेक्टर : कहा, लेते समय हाथ जोड़कर जमीन ले लिये, देते समय अंग्रेजी भाषी मत बनो……शर्म नहीं आती, अगली बार अब CMD को……!

कोरबा 15 जुलाई 2022 । एसईसीएल की खदानों से प्रभावित भूविस्थापितों के नौकरी के मुददे पर कोरबा कलेक्टर संजीव झा शुक्रवार को एसईसीएल केअफसरों पर जमकर भड़क गये। अफसरों के गोलमोल जवाब से नाराज कलेक्टर ने फटकार लगाते हुए यहां तक कह दिया कि “लेते समय हाथ हाथ जोड़कर जमीन ले लिये…देते समय अंग्रेजी भाषी मत बनो….. शर्म नही आती हैं। हर बार आपकी फाईल CMD के पास जाकर क्यों अटक जाती हैं, अगर ऐसा ही हैं तो अगली बार बैठक में अब CMD को ही बुलायेंगें।

गौरतलब हैं कि कोयला उत्पादन के क्षेत्र में कीर्तिमान हासिल करने वाला एसईसीएल प्रबंधन भू-विस्थापितों को नौकरी देने के मामले में हमेशा ही विवादित रहा हैं। एसईसीएल प्रबंधन के ढूलमूल रवैयया के ही कारण आज भी आये दिन भू-विस्थापित खदानों में घुसकर कोयला उत्पादन के काम को बंद कर आंदोलन करने को मजबूर हैं। कोरबा के नवपदस्थ कलेक्टर संजीव झा ने आज सार्वजनिक उपक्रमों की कलेक्टोटेट में बैठक ली गयी। इस बैठक में एसईसीएल गेवरा,कुसमुंडा,कोरबा और दीपका परियोजना के अफसरों के साथ ही एनटीपीसी प्रबंधन पुलिस, राजस्व विभाग के अफसरा मौजूद रहे।

एस.पी. संतोष कुमार सिंह और कलेक्टर संजीव झा की मौजूदगी में प्रभावितों को मुआवजा वितरण, सीएसआर के कार्य जैसे मुददे से चर्चा शुरू की गयी। बैठक के दौरान ही कलेक्टर संजीव झा ने एसईसीएल के अफसरों से भूविस्थापितों के एसईसीएल में नौकरी का स्टेटस मांगा गया। एसईसीएल के अफसर हर बार की तरह एक बार फिर डाक्यूमेंट 30 से 40 साल पुराना होने के कारण वेरिफाई नही होने का हवाला देकर नौकरी देने में समस्या बता दी गयी। लेकिन इसके बाद जब कटघोरा एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर ने कुल 191 प्रकरण प्रशासन द्वारा वेरीफाई कर एसईसीएल प्रबंधन को भेजे जाने की जानकारी दी , और बताया गया कि इसके बाद भी सभी लोगों को एसईसीएल प्रबंधन नौकरी देने में दिलचस्पी नही दिखा रहा हैं।

तब बीच बैठक में ही कलेक्टर संजीव झा का गुस्सा फूट पड़ा। कलेक्टर संजीव झा ने एसईसीएल के अफसरों को चेताते हुए साफ किया कि राजस्व विभाग के लिए 30 से 40 साल का रिकार्ड पुराना नही होता हैं। कलेक्टर ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि जब सर्वे करा लिया गया, राजस्व विभाग से वेरिफिकेशन हो गया,तो उसके बाद प्रभावितों को नौकरी क्यों नही दे रहे हैं, नीयत में खोट क्यों है ? अफसरों के गोल मोल जवाब से नाराज कलेक्टर ने बैठक में यहां तक कह दिया कि “लेते समय हाथ जोड़कर जमीन ले लिये, देते समय अंग्रेजी भाषी मत बनो …….आप लोगों को शर्म नही आता हैं” ? कहां 1978 और आज कहां 2022 एक जनरेशन खत्म हो गया होगा।

कलेक्टर का गुस्सा यहीं खत्म नही हुआ उन्होने बैठक में एसईसीएल के अफसरों को चेताते हुए ये कह दिया कि आप लोग अपना माइंड सेट बदल लिजियेे……नही तो ठीक नही होगी। उधर एसईसीएल के अफसरों ने कलेक्टर की नाराजगी के बाद फाईल सीएमडी आफिस में रूकने के कारण नौकरी देने की प्रक्रिया में विलंब होने का हवाला दिया गया। जिस पर सख्त लहजे में कलेक्टर संजीव झा ने बैठक में साफ कर दिया कि अगर फाईल सीएमडी आफिस में रूकती हैं, तो अगली बार बैठक में सीएमडी से ही जानकारी ली जायेगी।

कलेक्टोरेट के सभागार मेे चले मैराथन बैठक में कलेक्टर संजीव झा के तेवर जिसने भी देखे उसके पसीने छूट गये। कलेक्टर संजीव झा का सार्वजनिक उपक्रम के अफसरों के साथ ये पहली बैठक थी, जिसमें एसईसीएल की खदानों से प्रभावित भूविस्थापित के मुददे पर कलेक्टर के सख्त तेवर से एसईसीएल के चारों एरिया के साथ ही बिलासुपर मुख्यालय तक हड़कंप मचा हुआ हैं। ऐसे में चर्चा यहीं है कि भूविस्थापितों के मुददे में गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ने वाले एसईसीएल के अफसरों की अब खैर नही हैं।

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