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हार्ले डेविडसन की शौकिन कांग्रेस प्रत्याशी रंजीत रंजन…. बेटा क्रिकेटर, पति पूर्व सांसद…जानिये कौन है रंजीत रंजन?

रायपुर 30 मई 2022। छत्तीसगढ़ कोटे से राज्यसभा के लिए इस बार कांग्रेस ने दोनों प्रत्याशी चौकाने वाले दिये हैं। राजीव शुक्ला और रंजीत बनर्जी को कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के कोटे से राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है। कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए 10 प्रत्याशियों के नाम की पहली सूची कर दी है। कांग्रेस ने हरियाणा से अजय माकन, कर्नाटक से जयराम रमेश, मध्य प्रदेश से विवेक तन्खा, महाराष्ट्र से इमरान प्रतापगढ़ी और तमिलनाडु से पी चिदंबरम को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं राजस्थान से रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को उम्मीदवार बनाया है।

रंजीत रंजन के बारे में जानिये

रंजीत बनर्जी 2019 में चुनाव हार चुकी है। हालांकि कांग्रेस की वो मुखर नेता रही है। सदन और सदन के बाहर उनके आक्रामक तेवर पार्टी के लिए कवच के तौर पर रहे हैं। दो बार लोकसभा सांसद रह चुकी रंजीत रंजन 2019 में चुनाव हार चुकी है, हालांकि इससे पहले 2014 के मोदी लहर में उन्होंने सुपौल ने शानदार जीत दर्ज की थी। रंजीत रंजन के दो बच्चे हैं। एक बेटा और एक बेटी।बेटी की नाम प्रकृति रंजन है औऱ वह दिल्ली में रहकर पढ़ रही हैं। बेटे का नाम सार्थक रंजन है। सार्थक क्रिकेटर हैं। सार्थक रंजन दिल्ली अंडर 19 टीम के उपकप्तान भी रह चुके हैं। रंजीत रंजन साल 2015 में सुपौल से लोकसभा सांसद चुनी गई थीं। रंजीता रंजन हार्ले डेविडसन बाइक का शौक रखती हैं। एक बार वह इस शानदार बाइक पर संसद भी पहुंची थीं।

रंजीत 1994 से राजनीति में सक्रिय हैं। राजनीति जीवन की शुरुआत रंजीत ने सुपौल विधानसभा क्षेत्र से की, लेकिन वे चुनाव जीत नहीं सकीं। 2004 में रंजीत रंजन ने लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट सहरसा से लोकसभा से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। बाद में परिसीमन के बाद सहरसा सीट के स्थान पर सुपौल क्षेत्र बना। इस सीट से रंजीत ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा पर जदयू उम्मीदवार से पराजित हुईं। 2014 में उन्होंने सीमांचल और कोसी में कांग्रेस की उम्मीद को जिंदा रखते हुए मोदी लहर के बावजूद सुपौल सीट जीती। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब कांग्रेस रंजीत को राज्यसभा भेज रही है।

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