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कांग्रेस नेता राजा पटेरिया गिरफ्तार, पीएम मोदी की हत्या करने की कही थी बात,….आज कोर्ट में किया जाएगा पेश

मध्य प्रदेश 13 दिसंबर 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के बयान से विवादों में आए कांग्रेस नेता राजा पटेरिया को आज यानि मंगलवार को सुबह 7 बजे मध्य प्रदेश पुलिस ने पन्ना स्थित उनके निवास से उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पटेरिया ने यह बयान तब दिया था, जब वह पन्ना के पवई रेस्ट हाउस में जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से मंडल सेक्टर अध्यक्षों की एक बैठक में हिस्सा लेने आए थे। उनके इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने अपना विरोध जताया है।

राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी ने दी कि सुबह 7 बजे पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को गिरफ्तार किया गया। आज उन्हें पवई कोर्ट में पेश किया जाएगा। जो पूर्व में उनपर धारा लगी थी, उसमें दो और धाराएं 115 व 117 बढ़ाई गई हैं। किसी अपराध को उकसाने के आरोप में धारा 115 लगाई जाती है।

राजा पटेरिया ने लोगों से ‘‘संविधान और अल्पसंख्यकों, दलितों एवं आदिवासियों का भविष्य बचाने’’ की खातिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘‘हत्या’’ करने के लिए तत्पर रहने को कहा था। इस मामले में मध्यप्रदेश पुलिस ने पटेरिया के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। नई दिल्ली में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में अपने नेता द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि यह बयान पार्टी को स्वीकार्य नहीं हैं।

सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में पटेरिया को कांग्रेस कार्यकर्ताओं से यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘मोदी चुनाव खत्म कर देंगे। मोदी धर्म, जाति, भाषा के आधार पर (लोगों को) बांट देंगे। दलितों का, आदिवासियों का, अल्पसंख्यकों का भावी जीवन खतरे में है। संविधान बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो। हत्या का मतलब है, हराने का काम करो।’’

पटेरिया का यह कथित वीडियो मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के पवई स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह का है। लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री संजय कुमार खरे की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। इस वीडियो को लेकर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक बयान जारी कर कहा था, ‘‘शिकायत के बाद सोमवार दोपहर पन्ना जिले के पवई पुलिस थाने में पटेरिया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने पाया कि पटेरिया के द्वारा एक जनसभा में धर्म, जाति और भाषा के आधार पर दलित, अल्पसंख्यक एवं आदिवासी समुदाय के बीच घृणा और वैमनस्य फैलाने का कार्य प्रतीत हुआ है, इससे लोक शांति भंग होना पुलिस ने पाया है।’’

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