क्राइमटॉप स्टोरीज़

वेब सीरीज देखकर रची नकली नोट छापने की साजिश, पुलिस ने पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार…

नई दिल्‍ली7 अक्टूबर 2023| क्राइम ब्रांच ने नकली नोट छापने और उसकी सप्‍लाई करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. साथ ही पुलिस ने गिरोह के 5 लोगों को भी गिरफ्तार किया है. इनके पास से 19.74 लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए हैं. सभी आरोपी राजस्‍थान के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं. पुलिस के मुताबिक, आरोपी अजमेर में एक किराए के मकान में नकली नोट छापने और दिल्ली- एनसीआर में इन नकली नोटों को सप्लाई करने का गिरोह चला रहे थे. गिरोह के सरगना ने एक वेब सीरीज देखकर ही यह साजिश रची थी.

आरोपियों की पहचान सकूर मोहम्मद, लोकेश यादव, हिमांशु जैन, शिवलाल और संजय गोदारा के रूप में हुई है. क्राइम ब्रांच के स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविंद्र यादव के मुताबिक, दिल्ली और आसपास के राज्यों में जाली भारतीय रूपयों की तस्करी के बारे में जानकारी मिली थी. पुलिस को सकूर मोहम्मद और लोकेश यादव के बारे में पुख्ता जानकारी मिली और पता चला कि दोनों अक्षरधाम मंदिर के पास नकली रुपयों की खेप देने के लिए आएंगे. इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और आरोपी सकूर मोहम्मद के साथ लोकेश यादव को पकड़ लिया गया. तलाशी के दौरान उनके कब्जे से 500 रुपये वाले लगभग 6 लाख के नकली नोट बरामद किए गए.

उनके कब्जे से 11 लाख रुपये के बराबर बड़ी मात्रा में एफआईसीएन भी बरामद किया गया, जो सभी 500 रुपये के नोट के रुप में थे.

स्पेशल सीपी ने बताया कि आगे की जांच करने पर एफआईसीएन को प्रिंट करने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण में दो लैपटॉप, तीन रंगीन प्रिंटर, दो लेमिनेशन मशीन, दो पेन ड्राइव, पेपर शीट, स्याही और रसायन, ‘सुरक्षा धागे’ के रूप में उपयोग की जाने वाली दो गॉज, हरी फाइल शीट और एफआईसीएन पर 500 को अंकित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले फ्रेम शामिल हैं. अजमेर में किराये के मकान से चमकती हुई स्याही भी बरामद की गई.

लोकेश यादव का टीचर के रूप में हुआ था सलेक्‍शन 

आरोपी हिमांशु जैन भी ग्रेजुएट है. उसने अकाउंट्स (टैली) में कंप्यूटर कोर्स किया है. वह राजस्थान में कई दुकानों पर एकाउंटेंट के तौर पर काम कर चुका है, वो सागवाड़ा में आरोपी लोकेश यादव के संपर्क में आया. इसे सकूर मोहम्मद और लोकेश यादव के साथ कस्टमर ढूंढने और नकली नोटों की डील करने का काम सौंपा गया था. वहीं लोकेश यादव ने बीए और बीएड किया है. इसका राजस्थान में ग्रेड-3 टीचर के रूप में सलेक्शन हुआ था. वह हिमांशु जैन का करीबी है और उसे नकली नोटों की सप्लाई करने का काम सौंपा गया था. आरोपी संजय गोदारा ने 12वीं तक पढ़ाई की और अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए 2018 में अजमेर आया था.यह आरोपी शिवलाल का सगा भाई है और उसे निकली नोटों के प्रिंट शीट काटने का काम सौंपा गया था. 

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