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ट्रांसफर पर अवमानना नोटिस : तबादले के 5वें प्रकरण में स्थानांतरण समिति के अध्यक्ष IAS मनोज पिंगुआ को जारी हुआ नोटिस..निर्धारित समय में प्रकरण के …

रायपुर 1 अप्रैल 2023। अवमानना के प्रकरण में IAS मनोज पिंगुआ के खिलाफ हाईकोर्ट ने एक और नोटिस जारी की है। ये 5वां प्रकरण है, जिसमें कोर्ट में दायर अवमानना पर नोटिस जारी हुई है। इनमें से अधिकांश मामले ट्रांसफर से संबंधित है। दरअसल राजनांदगांव के शीतला माता वार्ड के दुलेलराम कुजाम का राजनांदगांव से डोंगरगढ़ तबादला किया गया था। स्थानांतरण पर दुलेलराम कुंजाम ने उच्च न्यायालय, बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट में जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू ने मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता शारीरिक रूप से दिव्यांग है एवं उसकी उम्र 55 वर्ष है इस आधार पर स्थानांतरण समिति नियमानुसार निर्णय ले।

हाईकोर्ट बिलासपुर द्वारा पारित आदेश का पालन ना किये जाने पर दुलेलराम कुंजाम ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय, घनश्याम शर्मा एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर में अवमानना याचिका दायर की। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय, घनश्याम शर्मा एवं दुर्गा मेहर ने हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गठित स्थानांतरण समिति के अध्यक्ष आईएएस मनोज पिंगवा द्वारा किसी भी मामले में हाईकोर्ट, बिलासपुर के आदेश का पालन ना कर हाईकोर्ट की घोर अवमानना की जा रही है।

5 प्रकरण में अवमानना नोटिस

लगातार एक माह के भीतर डॉ. वंदना भेले विरूद्ध मनोज पिंगवा के मामले में डिवीजन बेंच द्वारा, डॉ. राकेश प्रेमी विरूद्ध मनोज पिंगवा, कुंजेश्वर कौशल विरुद्ध मनोज पिंगवा, योगेन्द्र कौशल विरूद्ध मनोज पिंगवा, दुलेलराम कुंजाम विरूद्ध मनोज पिंगुवा के मामले में सिंगल बेंच द्वारा इस प्रकार एक माह के भीतर लगातार पांच मामलों में आई.ए.एस. मनोज पिंगवा के विरूद्ध हाईकोर्ट की अवमानना मामले में नोटिस जारी की गई है। आईएएस मनोज पिंगवा द्वारा किसी भी मामले में निर्धारित समयसीमा के भीतर हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। अधिवक्ताओ ने हाईकोर्ट के समक्ष यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि न्यायालय अवमान अधिनियम 1971 की धारा-12 में जुर्माना एवं कठोर दण्डादेश का प्रावधान किया गया है।

हाईकोर्ट बिलासपुर द्वारा अवमानना मामलों में कठोर कार्यवाही ना किये जाने से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष अवमानना मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है एवं न्यायालय का कीमती समय अवमानना मामलों की सुनवाई में व्यर्थ होने के कारण सैकड़ों अन्य पीड़ित पक्षकारों के मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। अधिवक्तागण द्वारा यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि एक रिट मामले की सुनवाई के दौरान स्कूल शिक्षा सचिव, छत्तीसगढ़ शासन रायपुर द्वारा एक मामले में निर्धारित समयसीमा के भीतर हाईकोर्ट के आदेश का पालन ना किये जाने एवं समय पर जवाब प्रस्तुत ना किये जाने पर सिंगल जज राकेश मोहन पाण्डेय द्वारा स्कूल शिक्षा सचिव के विरुद्ध 20,000 रूपये का जुर्माना अधिरोपित किया गया।

अधिवक्तागण द्वारा हाईकोर्ट केसमक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि आई.ए.एस. मनोज पिंगवा द्वारा मार्च माह के भीतर लगातार पांचवी बार हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना किये जाने पर उनके विरूद्ध अवमानना की कार्यवाही प्रारंभ कर गंभीर दण्डादेश पारित किया जाए। उच्च न्यायालय, बिलासपुर के सिंगल जज पार्थ प्रतीम साहू द्वारा उक्त अवमानना याचिका की सुनवाई के पश्चात् आईएएस मनोज पिंगवा के विरूद्ध अवमानना नोटिस जारी कर तत्काल जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

इन मामलों में जारी हुई है अवमानना नोटिस…

(1) उच्च न्यायालय, बिलासपुर के अन्य सिंगल जज द्वारा W.P.(S) No. 1595 / 2012 में दिनांक 20.03.2023 को जारी 20,000 रूपये के जुर्माना आदेश की प्रति

(2) उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा अवमानना याचिका Cont. No. 324 / 2023 में दिनांक 27.03.2023 को पारित आदेश की प्रति ।

(3) उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा अवमानना याचिका Cont. No. 242/2023 में दिनांक 02.03.2023 को पारित आदेश की प्रति ।

(4) उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा अवमानना याचिका Cont. No. 258/2023 में दिनांक 06.03.2023 को पारित आदेश की प्रति।

(5) उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा अवमानना याचिका Cont. No. 279 /2023 में दिनांक 14.03.2023 को पारित आदेश की प्रति ।

(6) उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा अवमानना याचिका Cont. No. 312/2023 में दिनांक 20.03.2023 को पारित आदेश की प्रति।

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