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बुजुर्ग अम्मा के लिए मसीहा बन गये DRG के जवान…..नक्सल इलाके के घनघोर जंगल में अकेले बैठी थी 8 दिन से लापता बुजुर्ग अम्मा….. जवानों ने अपना खाना खिलाया, फिर घर तक पहुंचाया…. घरवालों ने जवानों को कहा- आप तो भगवान हो हमारे लिये

धमतरी 30 दिसंबर 2021। DRG के जवान आज एक बुजुर्ग महिला के लिए  मसीहा बनकर सामने आये। दरअसल हुआ यूं कि सिहावा से बोराई, बस्तर और उड़ीसा मुख्य मार्ग पर बहिगांव के पास एक बड़ा सा पेड़ गिर गया था। जंगली रास्तों पर पेड़ गिरने से पूरा रास्ता बंद हो गया। नक्सल इलाका होने की वजह से विभागीय टीम भी मौके पर नहीं पहुंची, ऐसे में DRG की टीम ने मौके पर पहुंचकर ना सिर्फ पेड़ को किनारे लगाया, बल्कि रास्ता भी क्लियर कराया।

जवानों ने पेड़ हटाकर तो काम किया ही, लेकिन उसके बाद जो कुछ जवानों ने किया, वो मानवीयता के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है। दरअसल हुआ यूं कि पेड़ हटाने के बाद जब जवान सर्चिंग के लिए निकले, तो इसी दौरान उनकी नजर एक बुजुर्ग अम्मा पर पड़ी। बुजुर्ग अम्मा ठंड में कांपती हुई सुनसान जगह पर बैठी थी। जंगल में अकेली बैठी अम्मा की उम्र 50 से 52 साल की थी। जवानों को तो पहले बुजुर्ग महिला को अकेले देख काफी शक हुआ, लेकिन जब उन्हें लगा कि अम्मा को किसी मदद की दरकार है, तो खुद जवानों के साथ मौजूद अफसर बुजुर्ग अम्मा के पास पहुंचे और उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन वो कुछ भी बता पाने में नाकाम थी। बुजुर्ग अम्मा के पास खुद नक्सल डीएसपी आरके मिश्रा और डीआरजी प्रभारी एएसआई संजीव मालेकर पहुंचे। पर अम्मा ज्यादा कुछ बोल नहीं पा रही थी, पर हाँ अपने गाँव का नाम जरूर बता रही थी…जवानों ने को अपने पास रखे चना, मुर्रा, और बिस्किट खिलाया और अम्मा का खूब ख्याल रखा।

जंगल से साथ लेकर आये उन्हें खाना खिलाया और उन्हें सकुशल उनके गांव तालपारा गट्टासिल्ली उनके परिजनों तक पहुँचाया,जिसके लिए खुमीना बाई परिजन समेत लोगों जवानों का धन्यवाद किया और कहा कि वो लोग काफी परेशान थे।  अम्मा लापता थी, जिसे वो लगातार ढूंढ रहे थे। आज भी ढूंढने नगरी गए वो अम्मा मिली नहीं। पुलिस को लोगों ने शुक्रिया जताया। धमतरी एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने बताया कि हमारे जवान बहुत संवेदनशील है।  तकलीफ में आमजनता के करीब है। उन्होंने कहा कि मैंने निर्देश दिया हुआ है। किसी को हॉस्पिटल पहुँचा ना हो या लग रहा कोई कई दिनों से खाना नहीं खाया हो। अपने जो भी है खाने के लिए उसकी मदद करें, पूरी टीम की प्रशंसनीय कार्य है…

खुमीना बाई नेताम के परिजनों ने बताया कि…..!

खुमीना बाई कभी -कभी अक्सर घर से बिना कुछ बताये निकल जाती है, और दो चार दिनों में घर लौट आती थी… लेकिन इस बार 8 दिन हो गया था घर से गयी ,सिहावा थाना इलाके के सांकरा नवागांव उसका मायके है वहाँ भी रहती थी और वापस आ जाती थी, कुछ समय से मानसिक रूप थोड़ी कमजोर है, घर में एक बेटा है और बेटी है, लेकिन 3 माह पूर्व बेटी का भी BSF में चयन हुआ है जो पश्चिम बंगाल में है… खुमिना बाई के भाई लोग में पुलिस में पदस्थ है.…

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