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….आखिरकार शिक्षकों का विरोध लाया असर ……इन अधिकारियों को हटाया गया….प्रशासन के फैसले पर प्रदेश भर के शिक्षकों ने खोल दिया था मोर्चा

रायपुर 25 नवंबर 2021  …..आखिरकार DEO के पद पर जिन जिलों में डिप्टी कलेक्टरों को चार्ज मिला था, उन्हें हटा दिया गया है । पहले बलरामपुर और अब बालोद में भी जिला शिक्षा अधिकारी का पद फिर से शिक्षा विभाग के ही अधिकारियों के पास आ गया है। पिछले दिनों बलरामपुर में शिक्षा विभाग के DEO का चार्ज डिप्टी कलेक्टर से लेकर उप संचालक को जिला शिक्षा अधिकारी को जिम्मेदारी दी गयी थी और अब बालोद में भी डिप्टी कलेक्टर से DEO का प्रभार लेकर शिक्षा विभाग के ही अधिकारी को जिम्मेदारी दी गयी है। इससे पहले पिछले महीने 18 अक्टूबर को बालोद में कलेक्टर के उस आदेश से शिक्षा विभाग में खलबली मच गयी थी, जिसमें उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी का चार्ज डिप्टी कलेक्टर रश्मि वर्मा को दे दिया था। छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये पहली बार हुआ था, जब किसी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को DEO का पद दिया गया था। लिहाजा इस फैसले को चौतरफा विरोध हुआ। शिक्षक संगठनों ने इसे शिक्षा विभाग के अधिकारों का अतिक्रमण माना और प्रशासन के फैसले का तीखा विरोध किया।

विरोध का सिलसिला चल ही रहा था कि बलरामपुर में भी कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर दीपक कुमार निकुंज को जिला शिक्षा अधिकारी का चार्ज दे दिया। बलरामपुर में हुए इस आदेश का भी प्रदेश स्तर पर विरोध किया गया। हालांकि 9 दिन के भीतर ही बलरामपुर में जिला शिक्षा अधिकारी का चार्ज डिप्टी कलेक्टर से वापस ले लिया गया और  शिक्षा विभाग के ही उप संचालक केएल महिलांगे को DEO बनाया गया है।

हालांकि तब तक बालोद में डिप्टी कलेक्टर रश्मि वर्मा के पास ही डीईओ का चार्ज था, लेकिन कल कलेक्टर ने इस मामले में निर्देश जारी करते हुए जिला मिशन समन्वयक पीसी मरकले को डीईओ को प्रभार दिया है।

सबसे पहले बालोद में डिप्टी कलेक्टर को दिया गया था DEO का चार्ज

18 अक्टूबर को बालोद में कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार डिप्टी कलेक्टर को देने का आदेश दिया था। इससे पहले जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार BEO के पास  था, लेकिन उस आदेश को निरस्त करते हुए कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर रश्मि वर्मा को जिला शिक्षा अधिकारी का चार्ज देने का आदेश जारी किया था। इससे पहले 13 अक्टूबर को बालोद के बीईओ बसंत बाध को प्रभारी डीईओ बनाया गया था। कलेक्टर का ये आदेश जैसे ही वायरल हुआ, शिक्षा विभाग में आलोचनाओं और प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया। शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों तक भी संगठन के पदाधिकारियों ने शिकायत कर इसे गलत परंपरा बताया। दरअसल छत्तीसगढ़ में ये परिपाटी रही है कि जिला शिक्षा अधिकारी के प्रभार के तौर पर शिक्षा विभाग कैडर के ही किसी अधिकारी को चार्ज दिया जाता है। लेकिन इससे इतर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर को DEO का प्रभार दिया गया।

9 दिन में डिप्टी कलेक्टर से चार्ज लिया गया वापस

बलरामपुर में 9 दिन के भीतर DEO का चार्ज दो-दो बार बदलना पड़ा था। 28 अक्टूबर को राज्य सरकार ने संयुक्त संचालक स्तर के अधिकारी का तबादला किया था। आदेश में सरगुजा के संयुक्त संचालक के कुमार को रायपुर का संयुक्त संचालक बनाया गया था, जबकि बलरामपुर के DEO बी एक्का को सरगुजा का संयुक्त संचालक बनाया गया था।  बलरामपुर DEO की कुर्सी करीब 10 दिन खाली रही, जिसके बाद कलेक्टर बलरामपुर ने 9 नवंबर को एक आदेश जारी कर डिप्टी कलेक्टर दीपक कुमार निकुंज को जिला शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। डिप्टी कलेक्टर को DEO का चार्ज देने का विरोध हुआ, जिसके बाद  अब DEO के चार्ज को लेकर संयुक्त संचालक सरगुजा ने सरगुजा संभागीय कार्यालय के उप संचालक केएल महिलांगे को बलरामपुर DEO का एडिश्नल चार्ज दे दिया।

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