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शिक्षा विभाग में पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई: 4 JD, 1 DEO, 3 संयुक्त संचालक सहित 11 सस्पेंड, किस तरह से संशोधन का हुआ खेला, रायपुर में 8 अफसर क्यों नपे, पढ़ें ये खबर

रायपुर 1 अगस्त 2023। शिक्षक पोस्टिंग संशोधन घोटाले में अब तक सबसे बड़ी कार्रवाई हुई है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में शिक्षा विभाग में एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। प्रमोशन में संशोधन के नाम पर बड़े पैमाने पर हुई धांधली मामले में अब तक 4 संयुक्त संचालक, 1 DEO, तीन सहायक संचालक, एक डाईट प्राचार्य और दो BEO को सस्पेंड किया गया है। शिक्षा विभाग में पदस्थापना संशोधन घोटाले की आंच कहां तक जायेगी, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। मंत्री भी मानते हैं कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई है, जिस पर कार्रवाई की जानकारी जरूरी है। एक मामले को लेकर अब तक 11 अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का छत्तीसगढ़ में ये पहला मामला है। रायपुर के संयुक्त संचालक, दुर्ग के संयुक्त संचालक, सरगुजा के संयुक्त संचालक और बिलासपुर के संयुक्त संचालक पर कार्रवाई हो चुकी है। बस्तर के संयुक्त संचालक की रिपोर्ट अभी आयी नहीं है। रायपुर में एक साथ 8 अफसरों पर कार्रवाई हुई। कुल मिलाकर अब तक 11 अफसरों पर गाज गिर चुकी है।

रायपुर में 778 आवेदन में से 543 का किया गया संशोधन

रायपुर में एक साथ आठ अफसरों को सस्पेंड करने का आदेश दिया गया है। हालांकि संयुक्त संचालक रायपुर के कुमार का तबादला पिछले दिनों ही हो गया था, लेकिन आरोप है कि जाने से पहले उन्होंने बड़ी संख्या में 543 संशोधन किये। जिन आठ लोगों को सरकार ने निलंबित किया, उन पर आरोप ये था कि प्रमोशन के लिए राज्य सरकार ने जो कमेटी बनायी थी, उसमें तत्कालीन जेडी के कुमार, डीईओ बलौदाबाजार सीएस ध्रुव, डाईट प्राचार्य आरके वर्मा, सहायक संचालक डीएस ध्रुव, सहायक संचालक शैल सिन्हा और सहायक संचालक उषा किरण खलको को शामिल किया गया था।

रायपुर में संशोधन के लिए 778 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिस पर फैसला लेने के लिए सीएस ध्रुव डीईओ बलौदाबाजार, एसके गेंदले शिखंशिअ सिगमा, संजय पुरी गोस्वामी शिखशिअ धरसींवा, सीएस ध्रुव सहायक संचालक  और आरके वर्मा प्राचार्य डाईट की कमेटी बनायी गयी थी। इस कमेटी ने 565 शिक्षकों के पोस्टिंग में संशोधन की अनुशंसा की। जिसमें से 543 शिक्षकों के पोस्टिंग में संशोधन किया गया। वहीं आरपी दास विकासखंड शिक्षा अधिकारी गरियाबंद को शिकायत के आधार हटाया गया था, लेकिन तत्कालीन जेडी ने उसे कार्य करने के लिए अटैच किया।

दुर्ग में 438 शिक्षकों का किया गया संशोधन

काउंसिलिंग के बाद 1505 शिक्षकों की पदोन्नति की गयी थी, जिसमें से 438 शिक्षकों का प्रमोशन संशोधन किया गया। दुर्ग में भी संशोधन के नाम पर पैसों की जमकर बंदरबांट हुई थी। कमिश्नर की रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि संशोधन के नाम पर भारीत लेनदेन हुई।

सरगुजा में 385 पोस्टिंग दे रहा संशोधन

सरगुजा में कुल 2793 प्रमोशन हुए थे, जिसमें से 385 शिक्षक व प्रधान पाठक के पदस्थापना स्थल में बदलाव किया गया।

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