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मुख्यमंत्री ने देखी फ़िल्म “कश्मीर फाइल्स”….बोले-कश्मीरी पंडितों के साथ अत्याचार के समय केंद्र में भाजपा समर्थित सरकार थी, पर उन्हें रोकने के लिए कुछ नहीं किया

  • वर्तमान केंद्र सरकार ने कश्मीरी पंडितों को बसाने कुछ नहीं किया
  • ‘फिल्म में जो राजनीतिक संदेश दिया गया वह सफल नहीं होगा ‘
  • ‘फिल्म में इतनी अधिक हिंसा की लगता है सेंसर बोर्ड का कोई महत्व ही नहीं रह गया’
  • मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, मंत्री गण , विधायक गण एवं अन्य गणमान्य नागरिकों ने देखी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल ‘

रायपुर 17 मार्च 2022। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के पीवीआर मॉल में फिल्म द कश्मीर फाइल देखने के बाद पत्रकारों से चर्चा की । उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो  अत्याचार हुआ था उसकी तो हमेशा निंदा हुई है । उन्होंने कहा कि फिल्म में पूरा सच नहीं दिखाया गया है, कश्मीरी पंडितों की समस्याओं का समाधान अब तक नहीं हुआ है । केंद्र की सरकार ने कश्मीरी पंडितों को बसाने के लिए कोई कार्य नहीं किया है। इस फिल्म में इतनी अधिक हिंसा दिखाई गई है कि लगता है सेंसर बोर्ड का कोई महत्व ही नहीं रह गया।

  मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता है फ़िल्म के माध्यम से राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की गई है वह सफल नहीं होगा ।भारतीय जनता पार्टी की जब केंद्र में सरकार थी तो इन्हीं के मंत्री आतंकवादियों को छोड़ने गए थे । पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमने तो भाजपा विधायकों को भी पिक्चर देखने आमंत्रित किया था लेकिन वह पलायन कर गए इस फ़िल्म में सिर्फ हिंसा दिखाई गई है समाधान नहीं बताया गया है ।

समाधान नही हुआ अभी तक कश्मीर पनदतों, आतंक मा कोई धर्म नहीं हिता, पिक्चर के माध्यम से 2024 की तैयारी कर रब्ब तो गलत बात है, पनदतों को बसाने भारत सरकार ने कोई काम नहीं किया, एक हिस्से आ ही सच दिखाया गया है, हीरो खुद कहते हैं सभी सेंसर बोर्ड का कोई महत्व नहीं रह, इस पिक्चर में जो सन्देश देने की कोशश सफल नहीं होगी, जो घटनाएं घटी उसकी निंदा कर्रा हूं लेकिन एक हिस्सा दिखाना उचित नहीं है, इन्ही के समर्थन की सरकार थी, इनके तो मानती आतंकवाद को छोड़ने गयी थी, भाजपा वाले पलायन कर जाते हैं, हमने कहा था देखने आइए, सिर्फ हिंसा दिखाई गई है समाधान नही .

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